मुंबई। राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक मंच पर इतने बड़ी संख्या में सभी दल के विधायकों इकट्ठा किया गया है इसके लिए मैं एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट (MIT School of Government) उसकी शानदार पहल के लिए बधाई देता हूं। बीते 15 जून से बीकेसी के जिओ सेंटर में तीन दिवसीय आयोजित राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन के समापन के दिन वे कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे बैस ने कहा कि मुझे विश्वास है इस पहल से विधायकों को अपने अनुभव साझा करने और राज्य के विभिन्न हिस्सों में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने का अवसर मिला होगा । मैं वर्ष 1980 में मध्य प्रदेश विधान सभा का सदस्य बना। उस समय छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का हिस्सा था। विधानसभा में मेरे पांच वर्षों ने मुझे संसदीय लोकतंत्र के कामकाज और कार्य के नियमों को समझने में मदद की। प्रश्नकाल क्या होता है, शून्यकाल क्या होता है, स्थगन प्रस्ताव क्या होता है, प्राइवेट मेंबर बिल, यह मेरी समझ में नहीं आता था। मुझे यह भी नहीं पता था कि सदन की विभिन्न समितियां कैसे काम करती हैं।इसलिए राज्य स्तर पर मेरे पांच साल की शिक्षाप्रद रहे। उसने मुझे लोकसभा के सदस्य के रूप में मेरी अगली भूमिका के लिए तैयार किया। मुझे 7 बार लोकसभा का सदस्य बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।मुझे विभिन्न संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्यों के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। बैस ने कहा कि विधान सभा के समितियों की बैठक में विधायक तैयारी से नहीं आते, जिसके कारण चर्चा जैसा होना चाहिए वैसा नहीं हो पाता । यह देखा जाता है कि सदस्य विधान सभा की कार्यवाही के समय पूरा समय नहीं बैठते । अगर हम दूसरे सदस्य क्या बोल रहे है उसे भी सुने, तो कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है
राजनीति के बजाय देश को वरीयता दे विधायक - एकनाथ शिंदे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि देश में विभिन्न राजनीतिक दल और उनके विधानसभा के सदस्य के रूप में काम कर रहे है. लेकिन चुनाव में हर विधायक को चुनाव पर राजनीति की अपेक्षा देशहित को प्राथमिकता देनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन से लोकतंत्र मजबूत होगा और पूरा भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा। शिंदे ने कहा कि पूरे देश के विधायक एक मंच पर आए है. महाराष्ट्र से इस सम्मेलन की शुरुआत हुई है यह राज्य लिए गर्व की बात है। जनता हमें विधायक चुनती है। विधानसभा पहुंचने के बाद हमें प्रदेश के विकास का काम हमें करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में लोकतंत्र जीवित रहना चाहिए। भले ही विधायक अलग-अलग पार्टियों के हों, लेकिन उनका अंतिम लक्ष्य प्रदेश, देश का विकास होना चाहिए।. शिंदे ने कहा कि देश में अलग-अलग विचारधारा की पार्टियां हैं। पार्टियों को चाहिए कि वे अपने विचार अलग रखें और देश के विकास के बारे में अधिक सोंचे। प्रत्येक विधायक को व्यक्तिगत कल्याण के बारे में सोचे बिना राज्य के विकास के बारे में सोचना चाहिए। हाल ही में दिल्ली में नई संसद का उद्घाटन किया गया। यह ऐतिहासिक कार्य बहुत कम समय में पूरा किया गया है। संसद लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। लोकतंत्र का दीया जलाए रखने के लिए ऐसी सभा की जरूरत है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऑनलाइन संबोधित करते दलबदल को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मिलकर सरकार बनाते हैं, तो कुछ लोग मिलकर सरकार गिराते हैं। यह क्या है। यह सब लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लिखित संदेश पढ़कर सुनाया गया जिसमें कहा कि भारत के विकास के लिए एक मंच बनाने की दिशा महाराष्ट्र हमेशा आगे रहा है। महाराष्ट्र की भूमि हमेशा नवीन सोच की भूमि रही है। यह देखकर प्रसन्नता हुई कि इस सम्मेलन के माध्यम से युवा राजनीति में मार्गदर्शन और नेतृत्व प्राप्त करने में सक्षम हो रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखित संदेश में कहा कि हर एक के पास हमारे सार्वजनिक मूल्यों को आकार देने और हमारी राजनीति को आगे बढ़ाने की शक्ति है।
हमारी विचारधारा अलग लेकिन, दुश्मन नहीं'- नायडू
पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सम्मेलन के समापन के दिन पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने कहा कि मैं सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हो गया हूं, लेकिन मैं निष्क्रिय नहीं हुआ हूं। मैं लोगों से मिलता रहता हूं। उनसे सहमत भी होता हूं और असहमति भी व्यक्त करता हूं। यहां आए लोग ऊंचा लक्ष्य रखें, कड़ी मेहनत करें, अनुशासन बनाए रखें और समय के पाबंद रहें। अनुशासन सफलता की कुंजी है। वर्तमान चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे 20% लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। 18% निरक्षर हैं। हमें अभी सार्वजनिक जीवन में लैंगिक समानता हासिल करनी है। पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में हमें सकारात्मक योगदान देना चाहिए। संसदीय नियमों का सम्मान करना चाहिए। अपने आचरण के बारे में जनता की धारणा के प्रति सचेत रहना चाहिए। इसे सुधारने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि राजनीतिक दल अपने सदस्यों के लिए एक आचार संहिता लागू करें। पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि हम प्रतिद्वंद्वी हैं, दुश्मन नहीं।
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Sat, Jun 17 , 2023, 10:07 AM