कपड़ा क्षेत्र में 25 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य
आईटी क्षेत्र से निवेश- रोजगार और निर्यात पर नजर
मुंबई। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) कैबिनेट ने मंगलवार को राज्य की नई कपड़ा नीति और सूचना प्रौद्योगिकी नीति को मंजूरी प्रदान की।नई कपड़ा नीति का उद्देश्य कपास उत्पादक क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर आने वाले समय में 25 हजार करोड़ रुपए (25 thousand crore rupees) के निवेश का आकर्षित करना है। इसी तरह नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति के जरिए इस क्षेत्र में 95 हजार करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने की योजना है। आईटी डेवलपर्स, विशेषज्ञ प्रतिनिधियों, कंपनियों के निदेशकों, नैसकॉम, दूरसंचार उद्योग के प्रतिनिधियों, अन्य संबंधित संगठनों और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त आर्थिक सलाहकार परिषद के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह नीति तैयार की गई है। इस पॉलिसी में 95 हजार करोड़ रुपए का नया निवेश, 3.5 मिलियन रोजगार सृजन के साथ-साथ 10 लाख करोड़ रुपए के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है।
नई कपड़ा नीति की खास बातें
अगले पांच साल में कपास प्रसंस्करण क्षमता को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत करना, 25,000 करोड़ का निवेश आकर्षित कर 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना। वस्त्रोद्योग आयुक्तालय और रेशम निदेशालय का विलय कर कपड़ा और रेशम आयुक्तालय बनाया जाएगा। प्रादेशिक स्तर पर इस कार्यालय को कपड़ा और रेशम के आयुक्तालय कहा जाएगा। बीमार सहकारी समितियों के पुनर्वास के लिए सहकारी मिलों को पट्टे पर देने और सहकारी मिलों से अधिशेष भूमि की बिक्री की अनुमति देने के लिए विभाग एक योजना तैयार करेगा। कपड़ा उद्योग के लिए कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर 4 जोन के अनुसार कपड़ा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दिया गया है। सहकारी इकाइयों में अधिकतम 45 प्रतिशत सरकारी शेयर पूंजी मिलेगी। परियोजना के आकार और जोन के आधार पर निजी संस्थाओं को पूंजीगत सब्सिडी - एमएसएमई के लिए अधिकतम 45 प्रतिशत बड़े उद्यमों के लिए 40 प्रतिशत, मेगा परियोजनाओं के लिए 55 प्रतिशत या 250 करोड़ रुपए में से जो भी कम होगा दी जाएगी। सुपर-लार्ज परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन के रूप में एक विशेष पैकेज दिया जाएगा।
आईटी नीति की खास बातें
स्टैंप ड्यूटी में छूट (जोन-1 और 2 वर्गीकरण के आधार पर 50 से 100 प्रतिशत की छूट), बिजली शुल्क के भुगतान से छूट (जोन-1 में 10 साल और जोन-2 में 15 साल के लिए बिजली शुल्क की छूट) मिलेगी। राज्य में डेटा सेंटर को प्रोत्साहन दिया जाएगा, स्टैंप ड्यूटी, बिजली दर आदि में मिलेगी छूट।सरकार का मानना है कि एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) में रोजगार निर्माण की बड़ी क्षमता है। इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए पूंजीगत सब्सिडी, स्टांप शुल्क माफी, बिजली शुल्क माफी, बिजली शुल्क सब्सिडी आदि लाभ दिए जाएंगे। नई नीति में उभरती तकनीकी पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें धन और रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। इन तकनीकों में वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित), वेब 3, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉक चेन, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, स्पेशल कंप्यूटिंग, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल टेक शामिल हैं।उभरती हुई तकनीक ने महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को आकर्षित करने में कामयाबी हासिल की है।यह हेल्थकेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ड्रोन के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नवाचार में भी मदद करेगा जो बीमारियों का पता लगाता है और उनका इलाज करता है। राज्य सरकार इस क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहती है। इस पर पूंजीगत सब्सिडी, स्टांप शुल्क माफी, बिजली शुल्क माफी, बिजली शुल्क सब्सिडी आदि लाभ दिए जाएंगे।
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Tue, May 30 , 2023, 10:33 AM