प्राकृतिक आपदा को रोकने लिए केंद्र सरकार गंभीर
32 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान, राज्य को मिला सर्वाधिक रकम
जितेन्द्र मिश्रा
मुंबई। राज्य सहित पूरे देश में प्राकृतिक आपदा (natural disasters) के कारण हर साल बड़ी संख्या में जान माल का नुकसान होता है. आपदा से होने वाले जान माल के नुकसान को कम करने के लिए केंद्र सरकार की मदद से राज्य सरकार ने एक योजना शुरू की है. इस योजना के तहत राज्य के सभी समुन्द्र, नदी और जिन जिन स्थानों पर प्राकृतिक आपदा आने की संभावना होती है उन उन स्थानों पर सरकार दिवार बांधेगी इसके अलावा उस इलाके के सभी अस्पतालो की बिजली जमीन के भीतर किया जाएगा राज्य सरकार में मदद पुनर्वसन विभाड़ के प्रधान सचिब असीम गुप्ता ने यह जानकारी दी उन्होंने बताया की इस योजना को पूरे देश में लागू किया गया है. केंद्र सरकार की मदद से शुरू हुई इस योजना से प्राकृतिक आपदा में होने वाले जान माल के नुकसान में भारी कमी आएगी. उन्होंने बताया की देश का महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां हर साल प्राकृतिक आपदा आने ओर सबसे अधिक जान माल को नुकसान होता है इसका मुख्य कारण यह की यहां समुन्द्र है कई नदिया ऐसी है जहां लोग बसे हुए है असीम गुप्ता ने कहा की इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने दो साल के बजट यानि 2026 तक के लिए करीब 4800 करोड़ रुपए राज्य को सरकार दिया है. केंद्र सरकार ने यह ख़ास बजट इसलिए दिया हैइस रकम से होने वाले उपाय योजना के कारण राज्य में आने वाली प्राकृतिक आपदा से जान माल का नुकसान कम हो.जबकि राज्य सरकर ने 12 सौ करोड़ दिया है. केंद्र और राज्य सरकार का मिलाकर कुल विभाग के पास करीब 6 हजार करोड़ रुपए आए गए है इसमें से 10 फीसदी रकम आपदाओ को रोकने के लिए सामग्री पर खर्च किए जाएंगे जैसे बोट. ड्रोन शामिल है इसके अलावा 30 फीसदी समुन्द्र के हाई टाइड नदी के आप पास और आपदा आने के बाद आपदा प्रभावित पीड़ितों के ठहरने के लिए शेल्टर होम का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया की के बचे 30 फीसदी निधि का इस्तेमाल आपदा आने पर आपदा प्रभावित के मदद के रूप में किया जाएगा.
प्राकृतिक आपदा से जानमाल के नुकसान को रोकेगी सरकार
जिन जिन स्थानों पर प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप. चक्रवर्ती तूफान आने की आशंका होती है वहां पर समुद्र और नदियों के किनारों पर दीवार का निर्माण किया जाएगा.राज्य के कई ऐसे सड़क है जो पहाड़ो के बीच होकर गुजरती है सड़क के दोनों किनारो पर पहाड़ होने के कारण लैंड सलाइंडिंग हो जाती है जिसके कारण जान माल का बड़ा नुकसान हो जाता है खासकर बारिश में अधिक पत्थर गिरने का डर रहता है ऐसे लैंड सलाइडिंग को रोकने के लिए सरकार ने सड़क के दोनों तरफ लोहे की मजबूत जाली लगा रही है.
नुकसान को रोकने के लिए समुद्र और नदी के आस पास दीवार का होगा निर्माण
विभाग के प्रधान सचिव गुप्ता ने बताया की प्राकृतिक आपदा आने पर समुन्द्र और नदी के किनारे बसे ग्रामीणों का बड़ा नुकसान हो जाता है जिसे रोकने के लिए समुन्द्र और नदी के आस पास दिवार का निर्माण कराया जाएगा ताकि आपदा आने के बाद जो पानी के कारण जान माल को नुकसान होता है वो कम हो उन्होंने कहा कि कि सरकार प्राकृतिक आपदा को रोक तो नहीं सकती लेकिन आपदा आने के बाद जान माल का नुकसान कम हो इसके लिए हम उपाय योजना जरूर बना सकते है यह उसी उपाय योजना की शुरुआत सरकार ने की है. प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार तो हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन अब आपदा से पहले की तैयारी करने पर सरकार काम कर रही है। ताकि आपदा के समय कम से कम लोगों के जानमाल का नुकसान हो। इसके तहत खतरनाक स्थानों पर जगह-जगह जहां सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी, वहीं अस्पतालों की बिजली सप्लाई को भूमिगत कर रही है। ऐसी कई तैयारी देश स्तर पर की जा रही है। इस योजना पर भारत सरकार देशभर में 32,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसमें महाराष्ट्र को सर्वाधिक करीब 4,800 रुपये मिले हैं।
32000 करोड़ रुपये का प्रावधान
असीम गुप्ता ने बताया कि ऐसे आपदा की तैयारी करने के लिए केंद्र सरकार (Central government) ने 32,000 करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया है.इस रकम से बारिश में पहाड़ो के आप-पास गिरने वाले पत्थर को रोकने के लिए खतरनाक पहाड़ियों से सटकर सुरक्षा दीवार और सुरक्षा जाली लगाई जाएगी, जहां पर प्राकृतिक आपदाएं बार-बार आती है वहां पर शेल्टर होम बनाना भी शामिल है। भारत सरकार के 32,000 करोड़ रुपये में से सर्वाधिक रकम 4,727 करोड़ रुपये महाराष्ट्र को मिला है। यह रकम 2026 तक खर्च करना है। इसमें राज्य सरकार 1,200 करोड़ रुपये और भी दे रही है। यानी कुल 5,927 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। मदद व पुनर्वसन विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता कहते हैं कि हमने जिला कलेक्टरों से इसकी पूरी जानकारी मांगी है और कई जगह पर काम भी शुरू कर दिया है। कोंकण के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हैं।
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Thu, May 18 , 2023, 06:58 AM