अलर्ट नहीं हुए तो लॉकडाउन जैसे होंगे हालात?
Corona Cases In Mumbai: देश के साथ ही मुंबई में एक बार फिर कोरोना के मामलों (Corona Cases) में इजाफा होने लगा है। केवल 10 दिन में ही यहां कोविड के 1,055 नए केस दर्ज हुए हैं। दस दिनों में मरीजों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। 21 मार्च को 61 नए केस दर्ज हुए थे, वहीं 30 मार्च को मरीजों की संख्या करीब 200 पहुंच गई। मुंबई के साथ ही राज्य में भी रोग के केस तेजी से बढ़ रहे (increasing rapidly in Mumbai) हैं। गुरुवार को 694 नए मामले सामने आने से प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है। राहत की बात यह है कि मुंबई में अधिकांश मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ रही है। लोग घर में ही दवा लेकर ठीक हो रहे हैं। बीएमसी ने सेवन हिल्स अस्पताल में कोविड मरीजों (Covid patients) को भर्ती करने के लिए व्यवस्था की हुई है।
त्योहार की भीड़
नवरात्र, फिर रमजान की वजह से बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी है। ऐसे में, महामारी के तेजी से फैले की आशंका है। इसे फैलने से रोकने के लिए बीएसमी ने एक बार फिर टेस्टिंग पर जोर देना शुरू कर दिया है। मुंबई शहर और उपनगर में रोजाना 1500 से अधिक लोगों की कोविड जांच की जा रही है। साथ ही, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर भी जोर दिया जा रहा है।
स्वाइन फ्लू और एच3एन2 भी
कोरोना के साथ ही स्वाइन फ्लू और एच3एन2 के भी मामले सामने आ रहे हैं। तीनों ही बीमारियों के लक्षण सर्दी, खांसी, बदन दर्द, बुखार है। एक जैसे लक्षण होने की वजह से डॉक्टरों को रोग की पहचान करने में भी दिक्कत हो रही है। तापमान में जारी उतार-चढ़ाव की वजह से भी वायरस को तेजी से फैलने का मौका मिल रहा है।
98 फीसदी रिकवरी रेट
मुंबई में भले ही मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उतनी ही तेजी से मरीज ठीक भी हो रहे हैं। बीएसमी के अनुसार, कोरोना का रिकवरी रेट 98.2 प्रतिशत है। अस्पताल में भर्ती होने वाले कुछ मरीजों को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। मार्च के अंतिम दो सप्ताह में किसी भी मरीज की मौत कोरोना के कारण नहीं हुई है। ऐसे में, बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है।
पर्याप्त बेड्स उपलब्ध
मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की जा ही है। वहीं अस्पतालों में विशेष वॉर्ड भी तैयार किए जा रहे हैं। बीएमसी के अनुसार, मौजूदा समय में विभिन्न कोरोना मरीजों के लिए 4,350 बेड्स उपलब्ध हैं। भविष्य में बेड्स की संख्या और बढ़ाई जाएगी। घर में ही रहकर दवा लेकर ठीक होने के कारण रोजाना 10 से 15 मरीज ही अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, जबकि रोजाना 60 से अधिक मरीज डिस्चार्ज किए जा रहे हैं। फिलहाल, केवल 55 मरीजों का ही उपचार अस्पताल में चल रहा है।
लंबी खांसी की परेशानी
बॉम्बे हॉस्पिटल के चेस्ट फिजिशन डॉ. कपिल सालगिया के अनुसार कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को अब पोस्ट कोविड की समस्या से जूझना पड़ रहा है। मौजूदा समय में लोगों को लंबी खांसी की दिक्कत हो रही है। ठीक होने में लोगों को करीब 10 से 12 दिन का समय लग रहा है। तापमान में जारी उतार-चढ़ाव ने इस परेशानी को और बढ़ा दिया है। खांसी से पीड़ित रोजाना कई मरीज रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं। विशेषकर अस्थमा और पहले से सांस की बीमारी से ग्रसित लोगों को यह परेशानी अधिक हो रही है। ठीक होने के बाद भी मरीजों को पंप या इन्हेलर लेना पड़ रहा है।
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Sat, Apr 01 , 2023, 11:52 AM