मुंबई 15 मार्च (वार्ता)। महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) में विपक्ष के नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) ने पुरानी पेंशन के कार्यान्वयन के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि पुरानी पेंशन 2005 के बाद बंद कर दी गयी और यह निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर तब लिया गया था जब श्री मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री (Manmohan Singh Prime Minister) थे। उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया कि योजना को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सत्ता में रहने के दौरान बंद किया गया। इस बीच, राज्य सरकार हालांकि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को लेकर सकारात्मक है। यहां तक कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा से अपील की है कि कर्मचारियों को हड़ताल वापस लेनी चाहिए, लेकिन कर्मचारी अपनी हड़ताल पर अड़े हैं। श्री पवार ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों का आंतरिक विषय है। वर्ष 2005 के बाद राज्य सरकार की सेवा में आए कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी गयी है, इसलिए सरकारी कर्मचारी भविष्य को लेकर चिंतित हैं। हाल ही में यहां हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई थी, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारियों और सरकार को समाधान निकालना चाहिए। कर्मचारी और सरकार दोनों को सामंजस्य दिखाना चाहिए। राकांपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन पर हर साल 1,55,000 करोड़ रुपये खर्च करती है, जबकि पेंशनभोगी कर्मचारियों की पेंशन पर 36,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं। हर साल राज्य द्वारा प्राप्त राजस्व पर विचार करते हुए राज्य के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करना संभव नहीं है।” राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बाद अब विपक्षी दल के नेता भी पुरानी पेंशन का विरोध कर रहे हैं, जिससे साफ है कि विधानसभा में कर्मचारियों की बात रखने वाला कोई नहीं है। इससे कर्मचारियों में और भी रोष है। श्री शिंदे ने विधानसभा को बताया कि पुरानी पेंशन योजना के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति के सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सबोध कुमार, केपी बख्शी और सुधीर कुमार श्रीवास्तव होंगे। लेखा एवं कोष समिति के निदेशक समिति के सचिव होंगे। समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने बताया कि समिति पुरानी पेंशन लागू करने के प्रभावों पर विचार करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि समिति केंद्र सरकार की पेंशन योजना का भी अध्ययन करेगी। समिति की रिपोर्ट के बाद उचित फैसला लिया जायेगा, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो। श्री शिंदे ने आश्वासन दिया कि सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को लेकर सकारात्मक है।
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Wed, Mar 15 , 2023, 07:37 AM