बजट पर हुई चर्चा के उत्तर में उपमुख्यमंत्री का जवाब
मुंबई। उपमुख्यमंत्री (deputy chief minister) और वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने वस्तु और सेवा कर में महाराष्ट्र के 10वें नंबर पर रहने के आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि राज्य जीएसटी में देश में पहले नंबर पर है। महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर गुजरात, तीसरे नंबर पर कर्नाटक, चौथे पर तमिलनाडु (Tamil Nadu) , पांचवें पर उत्तर प्रदेश और छठे नंबर पर हरियाणा है। नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने दावा किया था कि जीएसटी में महाराष्ट्र 10वें नंबर पर है।
बुधवार को बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष सांख्यिकी कितनी अच्छी से जानते हैं, इसका नमूना उन्होंने पेश किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र जीएसटी में कहीं भी 10वें नंबर पर नहीं गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में फरवरी तक 65,038 करोड़ रुपए, 2021-22 में फरवरी तक 86,478 रुपए और 2022-23 में फरवरी तक जीएसटी संग्रह 1,18,020 करोड़ रुपए रहा।
उन्होंने कहा कि अरब सागर में छत्रपति शिवाजी स्मारक का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। वहां से यह केस हाईकोर्ट में भेजा गया है। वहां हम अपना पक्ष पूरी मजबूती से रखेंगे। इसके लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हमने यह राशि बजट में नहीं दिखाई, क्योंकि विपक्ष सवाल करता कि कोर्ट में केस चल रहा है और आप राशि का प्रावधान कैसे कर सकते हैं।
इंदु मिल स्मारक के बारे में फडणवीस ने कहा कि मिल की जगह के लिए 15 साल पहले संघर्ष शुरू हुआ, लेकिन एक इंच जगह भी नहीं मिली। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के लिए इंदु मिल की जमीन पर फैसला हुआ और 3 हजार करोड़ रुपए की जमीन राज्य सरकार को मिली। टेंडर निकाला गया और स्मारक का काम आगे बढ़ा। यह सब काम भाजपा-शिवसेना युति सरकार के दौरान हुआ। महाविकास आघाड़ी सरकार में भी प्रतिमा की ऊंचाई बढ़ाने का अच्छा निर्णय लिया गया। प्रतिमा के पहले मॉडल को पसंद नहीं किया गया। अब समिति में बाबा साहेब आंबेडकर के परिजनों को शामिल किया गया है। कमेटी की सिफारिश पर काम आगे बढ़ेगा। स्मारक के लिए भरपूर निधि दी गई है। उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे स्मारक के पहले चरण का काम इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का जीआर 31 अक्टूबर 2005 को जारी हुआ, उस वक्त राज्य में कांग्रेस-राकांपा की सरकार थी और मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और वित्त मंत्री जयंत पाटिल थे। फडणवीस ने कहा कि मैं किसी को दोष देना नहीं चाहता। यह फैसला सोच-समझ कर लिया गया होगा। आज हम फैसला लेंगे तो हम पर इसका बोझ नहीं पड़ेगा, लेकिन राज्य के रूप में सोचना होगा। हम कर्मचारियों के खिलाफ नहीं है, लेकिन सोच विचार कर निर्णय लेना होगा। अब हमने 3 सदस्यीय समिति गठित की है।
कविता का जवाब कविता से
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि धनंजय मुडे ने कहा कि बजट कॉपी, एडिट और पेस्ट लगा, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यह कॉपी, एडिट, पेस्ट नहीं, हां कंट्रोल, अल्टर, शिफ्ट बजट है। मुंडे के कवितानुमा बयान इत्र से कपड़ों को महकाना कोई बड़ी बात नहीं, मजा तो तब है, जब आपके किरादर से खुशबू आए....इसके जवाब में फडणवीस ने कहा कि दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत, यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है, मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूं मैं, मंजिलों से कह दो अभी पहुंचा नहीं हूं मैं।
उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आघाड़ी के वक्त सबसे बड़े दल तत्कालीन शिवसेना को 4,35,691 करोड़ रुपए अर्थात 15 फीसदी निधि मिली थी। इस बार शिवसेना (शिंदे गुट) को इस बजट में 34 प्रतिशत राशि मिली है। तुमने उन्हें मुश्किल में डाला, इसलिए यह दिन आया। रामदास आठवले के शब्दों में कहें तो तुम्ही केली त्यांची कोंडी....म्हणून मारली आम्ही मुसंडी...।
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Wed, Mar 15 , 2023, 07:32 AM