आठ में से सात ध्यानाकर्षण सूचनाएं स्थगित
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जताया खेद
मुंबई। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार (Ajit Pawar) ने बुधवार को सदन की विशेष बैठक के दौरान मंत्रियों की अनुपस्थिति को लेकर राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की, क्योंकि इसके कारण आठ में से सात ध्यानाकर्षण सूचनाओं को स्थगित करना पड़ा। इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) को माफी मांगनी पड़ी।
बुधवार को ध्यानाकर्षण सूचनाओं पर चर्चा के लिए सुबह 9.30 से 10.45 बजे तक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था, लेकिन सदन में सिर्फ एक मंत्री ही हाजिर था। बाकी के मंत्री नदारद थे। यहां तक कि संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) भी सदन में नहीं थे। इस वजह से केवल एक ध्यानाकर्षण सूचना पर चर्चा होने बाद पीठासीन अध्यक्ष संजय शिरसाट ने सदन का कामकाज सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया। विधानसभा का नियमित कामकाज शुरू होने नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने इस मामले को लेकर सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई। अजित पवार ने रोष के साथ कहा कि विशेष बैठक में कुल आठ ध्यानाकर्षण नोटिस सूचीबद्ध थीं, लेकिन इनमें से केवल एक (पर्यटन से संबंधित) नोटिस पर चर्चा की अनुमति दी गई क्योंकि संबंधित मंत्री सदन में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अन्य मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण बाकी सभी ध्यानाकर्षण नोटिस पर चर्चा को टालना पड़ा। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल की अनुपस्थिति की ओर इंगित करते हुए पवार ने कहा कि यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है कि मंत्री विधायी कार्यों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वे मंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन अपने विभागों से संबंधित कार्यों को नहीं करेंगे।इस पर खेद व्यक्त करते हुए फडणवीस ने कहा कि सभी मंत्रियों से कहा जाएगा कि जब उनके विभागों से संबंधित मुद्दों को विधानसभा में उठाया जाये तो वे उपस्थित रहें। एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव सदस्यों को बहुत जरूरी सार्वजनिक महत्व के मामले पर मंत्री का ध्यान आकर्षित करने की अनुमति देता है।
पुलिसकर्मियों पर बढ़ते हमलों का मुद्दा उठा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने बुधवार को राज्य में पुलिसकर्मियों पर बढ़ते हमलों को लेकर चिंता जताई और कहा कि इसका उनके मनोबल पर असर पड़ सकता है। पवार ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए दावा किया कि पिछले तीन महीने में ऐसी 30 से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। राकांपा नेता पवार ने कहा कि सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ऐसे उपद्रवी हिम्मत न जुटा पाएं। उन्होंने ऐसे मामलों में तेजी से आरोप पत्र दायर किए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसी कुछ घटनाएं हुई हैं जहां पुलिस कर्मियों को वाहनों से कुचल दिया गया या वाहन से बांधकर घसीटा गया।संविदा भर्ती प्रस्ताव वापस लेने की मांग
विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने संविदा के आधार पर भर्ती करने के संबंध में जारी सरकारी प्रस्ताव या आदेश को वापस लेने की बुधवार को मांग की। हालांकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह सही फैसला है और साथ ही रेखांकित किया कि यह (फैसला) राज्य की पूर्ववर्ती महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा लिया गया, जिसमें पवार भी शामिल थे। विधानसभा में पवार ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की संविदा के आधार पर भर्ती गोपनीयता पर सवाल उठाती है, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों से कुछ मुद्दों पर गोपनीयता बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। राकांपा नेता ने कहा कि संविदा पर भर्ती कुछ कर्मचारियों को राज्य के मुख्य सचिव से भी ज्यादा वेतन मिलने लगता है। पवार ने कहा कि सरकारी आदेश में कहा गया है कि उद्यम, ऊर्जा और श्रम विभागों में निजी एजेंसियों के माध्यम से संविदा पर भर्तियां की जाएंगी।
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Wed, Mar 15 , 2023, 07:28 AM