जानिए मंदिरों के शहर तिरुपति के बारे में! यहां है 2.5 लाख करोड़ का मंदिर, जहां पड़ा है करीब 10 टन सोना

Fri, Feb 24 , 2023, 02:41 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नई दिल्ली. देश-दुनिया में तिरुपति शहर (Tirupati city) धार्मिक-आध्यात्मिक केंद्र के तौर पर विख्यात है. तिरुपति आज अपना 893वां दिवस मना रहा है. आज ही की तारीख में सन् 1130 में इस शहर की स्थापना की गई थी. शहर की स्थापना ऐतिहासिक संदर्भों के आधार पर की गई थी. लिहाजा आज के दिन तिरुपति में खास उत्सव देखा जा रहा है.
तिरुपति को मंदिरों का शहर कहा जाता है. 893 साल पहले श्री वैष्णव संत भगवद् रामानुजाचार्य ने गोविंदराजा स्वामी मंदिर की नींव रखी थी. जोकि शहर के बीचों बीच स्थित है. इसी के साथ शहर को आध्यात्मिक केंद्र के रूप में ख्याति मिली. दुनिया भर में इस शहर और यहां के मंदिरों की विशेष मान्यता है.
मिल चुके हैं ऐतिहासिक प्रमाण


पिछले साल तिरुपति के नगर विधायक भूमना करुणाकर रेड्डी (Bhumana Karunakar Reddy) ने गोविंदराजा मंदिर के प्राचीन शिलालेखों को सामने रखा तो इस शहर की ऐतिहासिकता का बड़े पैमाने पर खुलासा हुआ. शिलालेखों से यह जानकारी सामने आई कि रामानुजाचार्य ने 24 फरवरी, सन् 1130 को इस शहर की आधारशिला रखी थी.


ऐतिहासिक शिलालेख मिलने के बाद भूमना करुणाकर रेड्डी ने बताया कि तिरुपति की स्थापना फाल्गुन पूर्णिमा, उत्तर नक्षत्र सोमवरम पर हुई थी. रामानुज ने इस दिन गोविंदराजा के पीठासीन देवता को प्रतिष्ठित किया. चार माडा सड़कों का निर्माण शुरू किया.
दुनिया भर में है प्रसिद्ध


अपनी स्थापना के बाद सालों साल तक मंदिर के आस-पास अलग-अलग समुदाय के लोग आते गए और बसते गए. इस तरह से तिरुपति शहर का विस्तार होता गया. आज की तारीख में तिरुपति देश में हिंदू पूजा पद्धति का एक प्रतिष्ठित तीर्थ स्थल है. यह दुनिया के अमीर मंदिरों में से एक है.
ऐसा माना जाता है श्री वैष्णव संत भगवद् रामानुजाचार्य के आगमन से पहले तिरुपति के अस्तित्व के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि इसके ईर्द-गिर्द त्योहार मनाने के लिए कई तीर्थ स्थल के बारे में जरूर जानकारी मिलती है. लेकिन शहर के तौर पर इसकी स्थापना की सटीक जानकारी नहीं है.
कौन थे भगवद रामानुज ?


भगवद रामानुज ने समता धर्म की स्थापना की थी और तिरुमाला मंदिर में पूजा कैंकर्यम तैयार किए थे. वो अपने समय के प्रख्यात संत थे. बाद में तिरुपति शहर के प्रवर्तक कहलाए. यही वजह है कि लंबे समय तक यह रामानुज पुरम कहलाया. भुमना करुणाकर रेड्डी के मुताबिक इस शहर को पहले गोविंदराजा पट्टनम, फिर रामानुज पुरम और फिर 13वीं शताब्दी की शुरुआत से इसे तिरुपति कहा जाने लगा.
कहां है तिरुपति शहर ?


तिरुपति शहर दक्षिण पूर्वी आंध्र प्रदेश में स्थित है. यह पालकोंडा पहाड़ियों से घिरा है. चंद्रगिरि से करीब 13 किलोमीटर उत्तर-पूर्व और चेन्नई से करीब 108 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है. इसे हिंदू देवता वेंकटेश्वर सात पहाड़ियों के भगवान के निवास के रूप में जाना जाता है.तिरुमाला की पवित्र पहाड़ी श्री वेंकटेश्वर अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान में तिरुपति के उत्तर-पश्चिम में करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह द्रविड़ कला का एक उत्तम उदाहरण है और भारत के सबसे अहम तीर्थस्थलों में से एक है.
अमीर मंदिरों में से एक


यहां के वेंकटेश्वर मंदिर का संचालन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के स्वामित्व में किया जाता है. समिति ने जानकारी दी है कि यह 2.5 लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति है. साल 2022-23 में समिति ने 3,100 करो़ड़ रुपये का बजट पेश किया था. मंदिर का करीब 10 टन सोना कई बैंकों में रखा है, जिससे मंदिर को अच्छी खासी आमदनी होती है.

 

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