पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को यह बताने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है कि क्या नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड (Narendra Dabholkar murder case) की जांच पूरी हो गई है। दरअसल कोर्ट का यह निर्देश तब आया जब सीबीआई द्वारा कोर्ट में दलील दी गई कि सामाजिक कार्यकर्ता और तर्कवादी दाभोलकर की हत्या की जांच कर रहे अधिकारी इस मामले को बंद करने की सिफारिश कर चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) को बताया कि उसने 2013 में नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जांच पूरी कर ली है और जांच अधिकारी ने सक्षम अधिकारी को क्लोजर रिपोर्ट सौंप दी है। दरअसल दाभोलकर के परिवार का आरोप है की इस मामले की जांच सही तरीके से नहीं की जा रही है। इस संबंध में दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर ने कोर्ट में एक याचिका दायर की है।
दाभोलकर की बेटी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कोर्ट के समक्ष दावा किया कि सीबीआई ने समुचित ढंग से पूरे मामले की जांच नहीं की है। जांच में अब भी कई खामियां हैं जिनकी जांच किया जाना बाकी है। याचिका में भी मुक्ता दाभोलकर ने हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की निगरानी जारी रखने का अनुरोध किया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में सीबीआई से मामले में उसकी जांच की स्थिति बताने को कहा था। सीबीआई की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस पीडी नाइक की खंडपीठ को सोमवार को बताया कि एजेंसी ने मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है। सिंह ने कोर्ट को बताया, “जहां तक सीबीआई का संबंध है, जांच की गई और अब वह पूरी हो चुकी है...32 गवाहों में से 15 से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है।” अब तक इस मामले में सीबीआई ने पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है। सीबीआई का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के जांच अधिकारी ने मामले को बंद करने की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट दायर की है। जिस पर अंतिम फैसला एजेंसी के सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने क्लोजर रिपोर्ट पर फैसले के लिये कोर्ट से तीन हफ्तों का समय मांगा। जिसे हाईकोर्ट स्वीकार कर लिया और मामले की सुनवाई की अगली तारीख तीन हफ्ते बाद की दी है।
बता दें कि कार्यकर्ता केतन तिरोडकर और फिर दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर की याचिका पर 2014 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच की कमान पुणे पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी थी। तब से ही हाईकोर्ट इस मामले की जांच की प्रगति की निगरानी भी कर रहा है।
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को सुबह की सैर के दौरान पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर दो मोटरसाइकिल सवारों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का खूब विरोध हुआ था और सूबे का राजनीतिक पारा भी चढ़ा था।
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Mon, Jan 30 , 2023, 09:37 AM