परियोजनाओं की समीक्षा में लगा महारेरा
मुंबई. घर खरीदारों के लेन-देन को विश्वसनीय बनाने के लिए महारेरा ने विभिन्न उपाय योजना बनानी शुरू की है। महारेरा (Maharera) ने मई 2017 से मार्च 2022 तक पंजीकृत परियोजनाओं (registered projects) की समीक्षा शुरू कर दी है. जिन बिल्डरों ने रेरा अधिनियम की धारा 11 के तहत जानकारी को अद्यतित नहीं किया है ऐसे 19 हजार 539 परियोजनाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.. महरेरा की ओर से जानकारी दी गई की इनमे से मात्र 67 परियोजनाओं से जानकारी प्राप्त हुई है। वेबसाइट पर इस तरह से जानकारी अपडेट नहीं करने पर प्रमोटरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
बता दे कि महारेरा की नोटिस का जवाब नहीं देने वाले विकासकर्ताओं को गड़बड़ी सुधारने के नोटिस सी गई है उन्हें नोटिस की तारीख से 30 दिन का समय दिया गया है. उसके बाद भी जबाव या त्रुटि सुधार नहीं मिलने पर महारेरा द्वारा दंडात्मक कार्रवाई (punitive action) की जाएगी. जुर्माने की यह राशि उन्हें अपनी 30 फीसदी राशि में से देनी होगी. रेरा अधिनियम की धारा 11 के अनुसार, महारेरा के साथ एक आवास परियोजना को पंजीकृत करने के बाद, परियोजना विकासकर्ता को पंजीकरण के समय प्रदान की गई जानकारी को हर 3 महीने में महारेरा की वेबसाइट पर अपडेट करना आवश्यक है. ग्राहक को समय-समय पर परियोजना की वर्तमान स्थिति जानने की जरूरत है. हालांकि, यह देखा गया है कि अधिकांश परियोजनाओं ने पंजीकरण के बाद से इस जानकारी को अपडेट नहीं किया है इसलिए महारेरा ने कार्रवाई शुरू की है.
रेरा अधिनियम के अनुसार, डेवलपर को रेरा पंजीकरण संख्या के अनुसार एक अलग खाता खोलकर ग्राहकों से प्राप्त धन का 70 प्रतिशत रखना आवश्यक है. निर्माण के प्रत्येक चरण में यह पैसा निकालते समय बैंक को क्रमशः प्रोजेक्ट इंजीनियर, आर्किटेक्ट और चार्टर्ड अकाउंटेंट का प्रोजेक्ट पूरा होने का प्रतिशत, गुणवत्ता, अनुमानित लागत का प्रमाण पत्र जमा करना होता है. प्रोजेक्ट में कितने फ्लैट व प्लॉट बिके इसकी तिमाही सूची भी वेबसाइट पर अनिवार्य है. इसके अलावा, परियोजना खाते के अर्धवार्षिक ऑडिट के बाद हर साल की समाप्ति के छह महीने बाद, यह प्रमाणित करते हुए एक संवैधानिक ऑडिट प्रस्तुत करना अनिवार्य है कि इस खाते से निकाली गई राशि परियोजना के पूरा होने के अनुपात में निकाली गई है. और खर्च की गई राशि परियोजना के संदर्भ में ही लगाई गई है.
इन सभी प्रमोटरों को 2017-18 से 2021-22 तक पांच साल की अवधि के लिए जानकारी जमा करनी होगी. महारेरा ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2022-23 के लिए यह सूचना आयोग की वेबसाइट पर तिमाही रूप में ही अपडेट की जानी है. महारेरा के निर्देश का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई शुरू की जाएगी.
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Mon, Jan 30 , 2023, 06:38 AM