नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कथित शराब नीति घोटाला मामले (liquor policy scam) से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 01 अप्रैल तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। उन्हें 21 मार्च की रात को गिरफ्तार किया गया था।
छह दिन की ईडी हिरासत (ED custody) के बाद केजरीवाल को अदालत में पेश किए जाने के बाद राउज एवेन्यू अदालत (Rouse Avenue court) की विशेष सीबीआई न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने यह आदेश दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल केजरीवाल को किसी भी अंतरिम राहत से इनकार कर दिया था और गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया था।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को बताया कि मौजूदा मुख्यमंत्री पूछताछ के दौरान गलत जवाब दे रहे हैं और एजेंसी को गोवा से बुलाए गए कुछ लोगों से उनका सामना कराने की जरूरत है। इसलिए ईडी ने सात दिन की और हिरासत मांगी। अगर कोई मुख्यमंत्री है तो वह बरी नहीं होता। मुख्यमंत्रियों के लिए कोई अलग मानक नहीं है। किसी मुख्यमंत्री को गिरफ़्तार करने का अधिकार आम आदमी से अलग नहीं है।
रिमांड मांगते हुए ईडी ने कहा कि मोबाइल फोन से डेटा निकाला गया है और उसका विश्लेषण किया जा रहा है। हालाँकि, 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल के परिसर से तलाशी के दौरान जब्त किए गए चार अन्य डिजिटल उपकरणों का डेटा अभी निकाला जाना बाकी है।
केजरीवाल ने क्या कहा?
केजरीवाल ने कहा कि असली शराब घोटाला ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ। ईडी का मकसद आम आदमी पार्टी को खत्म करना है। ईडी धमकी देकर पैसे वसूल रही है। शरद रेड्डी ने 55 करोड़ रुपये का दान दिया। केजरीवाल ने कहा, हम हिरासत के खिलाफ नहीं हैं। ईडी को जितना समय चाहिए उतना ले लो।
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Thu, Mar 28, 2024, 04:00