Kabutar Khana Controversy : साँस से लेकर त्वचा तक, जानिए कबूतरों से कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं?; पढ़ें A से Z जानकारी

Wed, Aug 06 , 2025, 04:21 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Diseases Caused by Pigeons: कबूतरखाना का मुद्दा (issue of pigeon houses) इस समय मुंबई में गरमागरम है। उच्च न्यायालय (High Court) ने मुंबई में कबूतरखानों को बंद करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, मुंबई नगर निगम (Mumbai Municipal Corporation) ने सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उच्च न्यायालय का मानना है कि कबूतरों की बढ़ती संख्या के कारण बीमारियाँ तेज़ी से फैल रही हैं। हालाँकि, मुंबई का जैन समुदाय (Jain community) कबूतरखानों पर इस फैसले को लेकर काफ़ी आक्रामक हो गया है।

पिछले कई महीनों से मुंबई के दादर में कबूतरखाना हटाने की माँग चल रही है। यह कबूतरखाना दादर रेलवे स्टेशन (Dadar railway station) से कुछ दूरी पर स्थित है। यह कबूतरखाना दादर की पहचान बन गया था। हालाँकि, यह बात सामने आई थी कि यहाँ बड़ी संख्या में आने वाले कबूतरों के कारण इलाके में बीमारियाँ तेज़ी से फैल रही हैं। इसलिए, स्थानीय लोग लगातार कबूतरखाने को बंद करने की माँग कर रहे थे।

कबूतरों से कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं?
कबूतर कई तरह की बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं, जिनमें श्वसन रोग, त्वचा रोग और पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियाँ शामिल हैं। ये बीमारियाँ बैक्टीरिया, वायरस और कवक के कारण होती हैं जो कबूतर की बीट और पंखों के ज़रिए फैलते हैं। कई लोग कबूतर की बीट और पंखों के कारण श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रस्त हो चुके हैं। कबूतर की बीट से जुड़ी बीमारियों में क्रिप्टोकॉकोसिस, हिस्टोप्लाज़मोसिस और सिटाकोसिस शामिल हैं। बीट साफ़ करते समय निकलने वाली धूल में साँस लेने से आपको ये बीमारियाँ हो सकती हैं। कबूतर की बीट में एस्परगिलस नामक कवक पाया जाता है। इससे एलर्जी हो सकती है। कबूतर अस्थमा का कारण भी बन सकते हैं। कबूतर क्रिप्टोकॉकोसिस, हिस्टोप्लाज़मोसिस सिटाकोसिस, साल्मोनेलोसिस, एवियन माइट संक्रमण और टोक्सोप्लाज़मोसिस जैसी बीमारियाँ भी पैदा कर सकते हैं।

कबूतरों से होने वाली बीमारियाँ:
क्रिप्टोकोकोसिस:
क्रिप्टोकॉकोसिस एक कवक रोग है जो कबूतर की बीट से फैलता है।

हिस्टोप्लाज़मोसिस: हिस्टोप्लाज़मोसिस भी एक कवक रोग है जो कबूतर की बीट से फैलता है।

सिटकोसिस: सिटकोसिस एक जीवाणु रोग है जो कबूतरों के संपर्क में आने से हो सकता है।

ऑर्निथोसिस: एनबीसी एनवायरनमेंट के अनुसार, ऑर्निथोसिस एक जीवाणु रोग है जो कबूतरों की बीट और पंखों के माध्यम से फैलता है।

एलर्जी: कबूतरों के संपर्क में आने से एलर्जी हो सकती है, जिसमें श्वसन और त्वचा संबंधी एलर्जी शामिल हैं।

फेफड़ों के रोग: कबूतरों की बीट से निकलने वाली धूल फेफड़ों के रोग पैदा कर सकती है।


 

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