Shravan 2025 Method of Worship: शिव भक्ति के लिए श्रावण मास (Shravan month) सबसे खास माना जाता है। श्रावण में शिव भक्त (Shiva devotion) व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाते (offer water and milk on Shivling) हैं, रुद्राभिषेक करते हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्ति में डूब जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की परेशानियां दूर होने लगती हैं। ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी के अनुसार, श्रावण में भगवान शिव की पूजा उनकी प्रिय चीजें चढ़ाकर करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पूजा करने से जीवन के सभी दोष शांत होते हैं और विवाह, संतान, स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।
भोलेनाथ को क्या चढ़ाएं?
भगवान शिव बहुत ही सरल स्वभाव के देवता हैं। उन्हें ज्यादा दिखावा पसंद नहीं है। लेकिन कुछ खास चीजें हैं जो उन्हें बेहद प्रिय हैं। तो आइए जानते हैं श्रावण शिवरात्रि पर भगवान शिव को क्या चढ़ाएं।
भांग और धतूरा : भगवान शिव को भांग और धतूरा बहुत प्रिय हैं। इन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना शुभ माना जाता है।
दूध और जल: शिवलिंग पर कच्चा दूध और गंगाजल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे तन और मन दोनों शुद्ध होते हैं।
शहद: भगवान शिव को मीठा खाना पसंद नहीं है, लेकिन रुद्राभिषेक में शहद का प्रयोग करने से वाणी और रिश्तों में मिठास आती है।
अक्षत: शिव पूजा में बिना प्रक्षालित सफेद चावल का विशेष महत्व है।
बिल्वपत्र: भगवान शिव को बिल्वपत्र बहुत प्रिय हैं। तीन पत्तियों वाला बिल्वपत्र अवश्य चढ़ाएँ।
सफेद फूल: भगवान शिव को कन्हेर या आक जैसे सफेद फूल विशेष रूप से पसंद हैं।
घी और दही: इनका प्रयोग पंचामृत में किया जाता है। शिवलिंग पर रुद्राभिषेक के लिए इन्हें बहुत पवित्र माना जाता है।
फल और सूखे मेवे: विशेष रूप से नारियल, किशमिश और खजूर भगवान को अर्पित किए जा सकते हैं।
गुड़: भगवान शिव को गुड़ या गुड़ से बना हलुआ भी चढ़ाया जा सकता है।
पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और चीनी को मिलाकर बनाया गया पंचामृत शिव पूजा में विशेष स्थान रखता है।
पूजा में महादेव की प्रिय वस्तुएँ अवश्य होनी चाहिए।
वेलपत्ता , भस्म (विभूति), रुद्राक्ष, गंगा जल, काले तिल, अक्षत (साफ, बिना टूटे चावल), श्वेत वस्त्र, शांत और निर्मल मन
भोग कैसे लगाएँ?
पूजा के दौरान सबसे पहले शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ। फिर दूध, दही, घी, शहद और चीनी से रुद्राभिषेक करें। इसके बाद गंगाजल से स्नान कराएँ। फिर बिल्व पत्र, पुष्प, भांग-धोत्रा, फल और पंचामृत चढ़ाएँ। साथ ही, ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें।
पूजा के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
कभी भी टूटे हुए बिल्व पत्र न चढ़ाएँ। भगवान शिव को तुलसी के पत्ते न चढ़ाएँ। घर में झगड़ा या वाद-विवाद न करें। मांसाहारी भोजन जैसे मांस, लहसुन-प्याज आदि का सेवन न करें। पूजा के बाद झूठ न बोलें और किसी का अपमान न करें।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रावण सबसे शुभ समय है।
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Thu, Jul 24 , 2025, 04:28 PM