जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश (heavy rains) के कारण उत्पन्न परिस्थितियों, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जलभराव और नदियों तथा बांधों के जलस्तर में हुई वृद्धि के संबंध में रविवार को यहां उच्चस्तरीय समीक्षा की और उन्होंने प्रशासन को नागरिकों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ बचाव और राहत कार्यों के लिए निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस बैठक श्री शर्मा ने कहा कि बारिश से उत्पन्न स्थितियों के मद्देनजर अधिकारी अलर्ट मोड (alert mode) पर कार्य करते हुए त्वरित कार्यवाही करें। नदियों, तालाबों और जलाशयों के जल स्तर संबधी अपडेट लेते हुए निचले और बाढ़ संभावित इलाकों में सतत निगरानी रखी जाए। एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और होमगॉर्ड्स के दल पर्याप्त संसाधनों के साथ सतर्क रहें। उन्होंने प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम को प्रभावी रूप से संचालित करते हुए हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए भी निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से प्रभावित आमजन और पशुधन को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता और सेवाओं को सुचारू रखा जाए। जलभराव क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को पेयजल-खाद्य सामग्री सहित जरूरी वस्तुओं की कमी नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और विद्युत आपूर्ति सुचारू करने के लिए भी निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त बांधों और नहरों की स्थिति की लगातार निगरानी करते हुए आवश्यक मरम्मत संबंधी कार्य कराए जाएं।
श्री शर्मा ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि बाढ़ग्रस्त मार्गों, पुलों और नदी-नालों जैसे स्थानों पर चेतावनी संबंधी बोर्ड लगाए जाएं तथा आपदा प्रबंधन हेतु जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत व बचाव कार्यों संबंधित जानकारी आमजन तक पहुंचाएं। साथ ही विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए आवश्यकतानुसार निर्णय लें। इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि अतिवृष्टि की स्थिति में विशेष सावधानी बरतें। भारी बारिश, आकाशीय बिजली एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए भी पूरी तरह सतर्क रहें। बाढ़ग्रस्त मार्गों, पुलों और नदी-नालों को पार करने से बचें।
बैठक में बताया गया कि संभाग मुख्यालय वाले जिलों को 20-20 लाख तथा अन्य जिलों को 10-10 लाख रुपए बाढ़ बचाव के लिए जारी किए जा चुके हैं। शासन सचिवालय परिसर में स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर नियमित रूप से संचालित है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 36 जिलों में असामान्य और पांच जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। राज्य के बांधों की कुल भराव क्षमता लगभग 13026.511 एमक्यूएम के मुकाबले अब तक 67़.59 प्रतिशत भराव हो चुका है।
श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि सभी जिलों से जर्जर इमारतों, पानी के भराव वाले स्थानों तथा टूटी सड़कों एवं नदी नालों संबंधी विधानसभावार रिपोर्ट तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि वर्षा जनित दुर्घटनाओं में मृतकों एवं घायलों के लिए सहायता राशि संवेदनशीलता के साथ शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिला कलक्टर्स गांवों में कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत बनने वाले रिचार्ज संरचनाओं के लिए स्थानों का चिह्न्हीनीकरण कर रिपोर्ट भेजें। उन्होंने कहा कि ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ के तहत प्रदेश में हुए जल संरक्षण संबंधी कार्यों की भी समीक्षा करते हुए उनके रखरखाव और सुधार के लिए अपने सुझाव भिजवाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की प्रेरणा से राज्य सरकार ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ एवं ‘हरियालो राजस्थान’ अभियान के तहत गत वर्ष सात करोड़ से अधिक पौधारोपण किया था। हमनें इस मानसून सीजन में भी ‘हरियालो राजस्थान’ के तहत 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है। इसकी प्राप्ति के लिए पौधारोपण के लिए उपयुक्त स्थानों का चिह्नीकरण भी सुनिश्चित किया जाए। इस अभियान में शिक्षा,चिकित्सा, पंचायतीराज, वन विभाग सहित विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करते हुए आमजन को अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए प्रेरित किया जाए।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Sun, Jul 20 , 2025, 09:58 PM