कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) एवं अस्पताल की महिला चिकित्सक के साथ दष्कर्म और हत्या के दोषी संजय रॉय (Sanjay Roy) की ओर से दायर बरी करने की याचिका पर सितंबर में सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद सब्बार राशिदी की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई आगामी सितंबर में की जाएगी, क्योंकि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने संजय(34) के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए एक और याचिका दायर की है।
संजय के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कौशिक गुप्ता ने अदालत में तर्क दिया कि उपलब्ध साक्ष्य और गवाहों के आधार पर उनके मुवक्किल के खिलाफ आरोप साबित नहीं किए जा सकते हैं और उसके मुवक्किल को बरी करने के पर्याप्त कारण हैं। अदालत ने यह भी कहा कि अगर पीड़िता (doctor) के माता-पिता इस मामले में दलील देना चाहते हैं तो वे मामले में आगे बढ़ सकते हैं। पीड़िता के माता-पिता इस मामले में अदालत की मदद कर सकते हैं। अदालत में आज सुनवाई के दौरान श्री गुप्ता ने दलील दी कि गवाहों के बयानों और परिस्थिजन्य साक्ष्यों के आधार पर किसी को भी सजा नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा,“यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है कि दोषी निर्दोष है।
इससे पहले जनवरी के अंत में सियालदह निचली अदालत ने संजय को नौ अगस्त की सुबह उत्तरी कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 30 वर्षीय महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या (Rape and murder) का दोषी पाया था। अदालत ने इस मामले में संजय को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई थी। आर जी कर अस्पताल में तत्कालीन प्राचार्य संदीप घोष को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। सीबीआई ने निचली अदालत में केवल संजय का नाम आरोप पत्र में दिया था। सीबीआई ने हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला स्थानांतरित कर दिया और संजय के लिए मृत्युदंड की मांग की।
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Wed, Jul 16 , 2025, 07:39 PM