Indian Nurse Nimisha Priya Case: यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya ) को मौत की सज़ा से बचाने के लिए दिल्ली से लेकर सना तक कोशिशें जारी हैं। भारत सरकार (Indian government) के अधिकारियों से लेकर मुस्लिम धर्मगुरु तक, इस मामले में सक्रिय हो गए हैं। लेकिन ब्लड मनी के मुद्दे (issue of blood money) पर कोई सहमति नहीं बन पा रही है। ब्लड मनी ही एकमात्र उम्मीद है जिससे निमिषा की जान बच सकती है। यमनी कानून के अनुसार, मृतक का परिवार आरोपी से मिली ब्लड मनी स्वीकार करके उसे माफ़ कर सकता है। निमिषा को बचाने के लिए मृतक के परिवार को 8.5 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। निमिषा प्रिया पर अपने बिज़नेस पार्टनर अब्दो महदी (Abdo Mahdi) की हत्या का आरोप है।
इस मामले में निमिषा को मौत की सज़ा सुनाई गई है। यमनी शरिया कानून (Yemeni Sharia law) के अनुसार, अगर महदी परिवार ब्लड मनी स्वीकार कर लेता है, तो निमिषा को रिहा किया जा सकता है। निमिषा के परिवार ने ब्लड मनी के बदले 8.5 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। पैसा भी इकट्ठा हो गया है। लेकिन अब्दो परिवार अभी तक इस ब्लड मनी को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। सवाल यह है कि अब्दो परिवार ब्लड मनी के लिए क्यों राजी नहीं हो रहा है? क्या अब्दो परिवार को यह राशि कम लग रही है? क्या उन पर कोई और दबाव है?
माफ़ी मिलने में आख़िर क्या समस्या है?
निमिशा प्रिया मामले में हूती विद्रोहियों के सक्रिय होने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। सोमवार, 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में अटॉर्नी जनरल ने इस बात के संकेत दिए। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हूती विद्रोहियों ने इस घटना को सम्मान से जोड़ दिया है।
यमनी धार्मिक नेताओं के साथ बंद कमरे में बातचीत
अब्दो महदी परिवार और हूती विद्रोही ब्लड मनी पर बात नहीं कर रहे हैं। इसलिए, यह मामला आगे नहीं बढ़ रहा है। सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। परिवार वहीं है। बातचीत चल रही है। सुन्नी समुदाय के ग्रैंड मुफ़्ती हूती विद्रोहियों को मनाने के लिए केरल में डेरा डाले हुए हैं। ग्रैंड मुफ़्ती अबु बकर मुसलियार ने यमनी धार्मिक नेताओं के साथ बंद कमरे में बातचीत की।
यमन में हूती आतंक
यमन में हूती सक्रिय हैं। यमन की राजधानी में भारत का कोई दूतावास नहीं है। इसीलिए भारत को निमिषा प्रिया को बचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हूती विद्रोही पिछले छह सालों से यमन और आसपास के इलाकों में आतंक मचा रहे हैं। भारतीय दूतावास सऊदी अरब के रियाद से इन सभी मामलों को संभालने की कोशिश कर रहा है। हूतियों के सऊदी अरब के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं। सऊदी अरब का रुख हमेशा अमेरिका के पक्ष में रहा है।
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Wed, Jul 16 , 2025, 02:04 PM