Nimisha sentence postponed: यमन में नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा टली!

Tue, Jul 15 , 2025, 10:17 PM

Source : Uni India

नयी दिल्ली।  यमन में हत्या (murder) के जुर्म में जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) को दी जाने वाली मौत की सज़ा भारत सरकार के प्रयासों के बाद टाल दी गई है। सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि भारतीय अधिकारियों के प्रयासों से निमिषा प्रिया की सजा फिलहाल स्थगित हो गई है। भारतीय अधिकारी वहां के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में थे।

सूत्रों ने कहा, “पता चला है कि यमन के स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई को निमिषा प्रिया को दी जाने वाली मौत की सज़ा टाल दी है। ” भारत सरकार इस मामले की शुरुआत से ही निमिषा के प्रति समुचित व्यवहार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही थी। सरकार निमिषा के परिजनों को यमन में दूसरे पक्ष के साथ सहमति का कोई रास्ता निकालने की कोशिश करने और सजा को टलवाने के प्रयासों में विशेष तरीके से सहयोग कर रही थी।

सूत्रों ने बताया, “ मामले के संवेदनशील होने के बावजूद भारतीय अधिकारी स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक कार्यालय के साथ लगातार संपर्क में रहे, जिसके कारण निमिषा प्रिया की मौत की सजा टलवाने में सफलता मिली।”

इस बीच, कुछ रिपोर्टों के अनुसार निमिषा के कानूनी सलाहकारों ने उसकी माफी के एवज में लगभग 8.5 करोड़ रुपये (10 लाख डॉलर) देने की पेशकश की थी। इसे स्थानीय प्रथा के अनुसार ‘खूंबहा’ कहा जाता है। गौरतलब है कि यमन की राजधानी सना में हूतियों का कब्जा है।

केरल के पलक्कड़ ज़िले की निवासी निमिषा (37) नर्सिंग प्रशिक्षण के बाद 2011 में यमन चली गई थी। उसे 2017 में अपने ‘व्यापारिक सहयोगी’ तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया और तीन साल बाद 2020 में यमनी अदालत ने इस मामले में उसे मौत की सज़ा सुनाई।

केंद्र सरकार ने निमिषा प्रिया को बचाने के लिए दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय के समक्ष सोमवार को कहा था कि उसे एक अनौपचारिक संदेश मिला है कि निमिषा की फांसी की सजा पर रोक लगा दी जाएगी, लेकिन उसे यह नहीं पता कि ऐसा ही होगा अथवा नहीं।

अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि (Attorney General R. Venkataramani) ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के समक्ष सरकार का पक्ष रखते हुए यह बात कही थी। उन्होंने अदालत से कहा कि निमिषा प्रिया को मौत की सजा से बचाने के सभी विकल्प आजमाए जा चुके हैं और सरकार के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है।

श्री वेंकटरमणि ने पीड़िता को बचाने के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका (सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल बनाम भारत संघ) पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय को केन्द्र सरकार के प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया ।

अटॉर्नी जनरल ने कहा, “हमने इस बारे में ज़्यादा सार्वजनिक रूप से बात नहीं की। हमने वहाँ के एक प्रभावशाली शेख से भी संपर्क साधा, लेकिन बात नहीं बनी। हमें एक अनौपचारिक संदेश मिला कि सजा के अमल पर रोक लगा दी जाएगी, लेकिन हमें नहीं पता कि यह हो भी पाएगा या नहीं। यह ऐसा क्षेत्र नहीं है जहाँ सरकार को एक निश्चित सीमा से आगे कुछ करने के लिए कहा जा सके।

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