World Population Day: 11 जुलाई को पूरी दुनिया में विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया (celebrated as World Population Day) जाता है। इस बार का विषय है 'युवाओं को एक निष्पक्ष और आशाजनक दुनिया में अपने पसंदीदा परिवार बनाने के लिए सशक्त बनाना'। भारत की युवा आबादी में जबरदस्त वृद्धि हुई है। देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। ये युवा आने वाले वर्षों में कार्यबल का हिस्सा बनेंगे। 16 जून, 2025 को गृह मंत्रालय ने 'जनगणना 2027' की आधिकारिक घोषणा की। भारत की जनगणना दुनिया का सबसे बड़ा सांख्यिकीय सर्वेक्षण है और देश में विभिन्न प्रकार की जानकारी एकत्र की जाती है।
भारत की जनगणना का इतिहास (History of Census) लगभग 150 वर्ष पुराना है। हर दस साल में जनसंख्या की गणना की जाती है। इससे जनसंख्या के साथ-साथ अन्य जानकारी भी मिलती है। देश की पहली जनगणना 1872 में हुई थी, उस समय इसे विभिन्न भागों से चरणों में किया जाता था। भारत में जनगणना वर्ष 2021 में होनी थी। हालाँकि, कोविड-19 महामारी के कारण जनगणना कराने का निर्णय स्थगित कर दिया गया था। इस बार, सभी समुदायों की गणना के लिए जनगणना की जाएगी।
भारत में जनगणना की एक लंबी परंपरा रही है। इतिहास में इसका पहला उल्लेख कौटिल्य के अर्थशास्त्र (321-296 ईसा पूर्व) और फिर सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान अब्दुल फजल की 'आइन-ए-अकबरी' में मिलता है। भारत में पहली आधुनिक जनगणना 1865 और 1872 में हुई थी, एक साथ नहीं। भारत ने अपनी पहली सार्वभौमिक जनगणना 1881 में की थी।
यह इस वर्ष की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना होगी। भारत सरकार द्वारा की जा रही यह जनगणना 16वीं जनगणना है। और यह स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना है। यह जनगणना गाँव, वार्ड और वार्ड स्तर पर प्राथमिक आँकड़ों का सबसे बड़ा स्रोत है। जनगणना के दौरान, रहन-सहन, सुख-सुविधाएँ और संपत्ति, जनसंख्या, धर्म, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, भाषा, साक्षरता और शिक्षा, आर्थिक स्थिति, प्रवासन और प्रजनन क्षमता सहित विभिन्न मानदंडों पर सूक्ष्म-स्तरीय आँकड़े उपलब्ध होते हैं।
2011 में देश की जनसंख्या कितनी थी?
2011 में हुई पिछली जनगणना में सामने आए आँकड़ों के अनुसार, देश की कुल जनसंख्या 1.21 अरब थी। इसमें पुरुषों की संख्या 62 करोड़ से ज़्यादा और महिलाओं की संख्या 58 करोड़ से ज़्यादा थी। आँकड़ों पर गौर करें तो 2001 से 2011 तक जनसंख्या में 18 करोड़ से ज़्यादा की वृद्धि हुई। 2011 में लिंगानुपात प्रति हज़ार पुरुषों पर 918 महिलाएँ था।
साक्षरता दर में भी वृद्धि
2011 की जनगणना के अनुसार, देश की साक्षरता दर 73 प्रतिशत थी, जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 80.9 प्रतिशत और महिलाओं की साक्षरता दर 64.6 प्रतिशत थी। राज्यों की साक्षरता दर के मामले में, केरल 93.91 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर था। उसके बाद लक्षद्वीप (91.8 प्रतिशत) और मिज़ोरम (91.3 प्रतिशत) का स्थान था।
2001 में देश की साक्षरता दर क्या थी?
2001 की जनगणना में देश की साक्षरता दर 64.8 प्रतिशत थी। 1991 में यह 51.6 प्रतिशत और 1981 में 43.1 प्रतिशत थी। देश में साक्षरता दर साल दर साल बढ़ रही है। अब इस साल की जनगणना के आंकड़े ही बताएंगे कि आने वाले वर्षों में देश की साक्षरता दर क्या होगी।
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Fri, Jul 11 , 2025, 10:45 PM