गुजरात सहकारिता क्षेत्र में भी अग्रणी- मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

Mon, Jul 07 , 2025, 07:20 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

आणंद: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Gujarat Chief Minister Bhupendra Patel) ने राज्य के सहकारी क्षेत्र की उपलब्धियों पर रविवार को कहा कि प्रदेश ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान असहयोग आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी और आज सहकारिता क्षेत्र में भी अग्रणी है। पटेल ने आगे कहा कि राज्य के सहकारी क्षेत्र का टर्नओवर चार लाख करोड़ रुपये का है, 27 लाख से अधिक नये बैंक खाते खोले गये हैं तथा 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की जमा राशि एकत्रित हुई है। प्रतिदिन 325 लाख लीटर दूध का संग्रह हो रहा है तथा महिलाओं द्वारा संचालित दुग्ध मंडलियों की संख्या में 21 प्रतिशत तथा उनकी आय में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश भर की ग्राम पंचायतों को सहकारिता से जोड़ा गया है। दो लाख से अधिक पैक्स द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिली है, जो अब पेट्रोल पंप, जन औषधि केंद्र, जल परियोजनाएं और डिजिटल भुगतान जैसी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। सहकारी बैंकिंग क्षेत्र ने डिजिटलीकरण को अपनाया है और आधुनिक बैंकिंग सेवाओं को गांवों तक पहुंचाया है। राज्य सरकार ने ई-कोऑपरेटिव पोर्टल के माध्यम से मंडलियों का पंजीकरण, ऑडिट एवं रिपोर्टिंग ऑनलाइन कर दिया है, जिससे पारदर्शिता एवं कार्यक्षमता बढ़ी है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्थापित सहकारिता मंत्रालय की चार वर्ष की सफलता की प्रशंसा करते हुए ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को साकार करने के लिए सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह को बधाई दी और कहा, सहकारिता मंत्रालय ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, किसानों, पशुपालकों और महिलाओं को सहकारी गतिविधियों से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है, जो देश के विकास में एक नया मॉडल बना है। उन्होंने कहा कि 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें भारत वैश्विक स्तर पर सहकारिता मॉडल का उदाहरण बनेगा। अमित शाह के मार्गदर्शन में देश के पहले त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय का भूमिपूजन हुआ है, जो भविष्य में सहकारी क्षेत्र के लिए उपयुक्त मानव संसाधन तैयार करेगा।

एनडीडीबी और अमूल की अभिनव परियोजनाएं गुजरात के डेयरी, कृषि और पशुपालन क्षेत्रों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सहकारिता मंत्रालय ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को गांव-गांव तक साकार करेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में सहकारी क्षेत्र का योगदान महत्वपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रारंभ में, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती को ‘एक देश में दो निशान, दो विधान नहीं हो सकते’ के उनके विचारों और अखंड भारत के प्रति उनके समर्पण को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के समारोह का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरदार साहब के मार्गदर्शन में गुजरात की धरती पर सहकारिता की नींव रखी गई, जो आज राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अमूल फेडरेशन के चेयरमैन शामलभाई पटेल ने महानुभावों का स्वागत कर डेयरी क्षेत्र में अमूल के योगदान के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर सहकारिता मंत्रालय और अमूल डेयरी की उपलब्धियों को दर्शाती एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। चौथे सहकारिता वर्ष के उत्सव के अवसर पर गुजरात के विभिन्न जिलों के दुग्ध संघों के चेयरमेन, देश के विभिन्न राज्यों से आए सहकारी क्षेत्र के अग्रणी, सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, किसान, पशुपालन और दुग्ध मंडलियों की महिला सदस्य उपस्थित रहीं।

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