Vat Savitri 2025 : वट पूर्णिमा के दिन ये खास उपाय आपके जीवन के लिए बनेंगे संजीवनी, दांपत्य जीवन में बढ़ेगा प्रेम….

Thu, May 15 , 2025, 08:17 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Vat Savitri Worship: हिंदू धर्म में वट पूर्णिमा व्रत का विशेष महत्व है, यह त्यौहार हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को आता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, उन्नति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। इस दिन विवाहित महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा (Worship of Banyan Tree) करती हैं। पेड़ के चारों ओर घूमते हुए वे सावित्री व्रत की कथा भी सुनाते हैं। इस वर्ष सावित्री व्रत 26 मई 2025 को मनाया जाएगा। ज्योतिष में बताए गए कुछ विशेष उपायों को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस दिन क्या उपाय करने चाहिए।

वट पूर्णिमा व्रत (Vat Purnima fast) के दिन पुरुषों को पीपल वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए तथा महिलाओं को बरगद वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए। इसके अलावा इस दौरान पेड़ के चारों ओर लाल कच्चा धागा भी लपेटें। ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन में मधुरता आती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वट सावित्री के दिन जरूरतमंदों को बेल के पेड़ के नीचे खीर खाने को देनी चाहिए। ऐसा करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है और उन्नति की संभावना बनती है। इस दिन दान करने से आपके जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

वट पूर्णिमा के दिन वट के पत्ते पर स्वस्तिक बनाएं और उस पर एक सुपारी और कुछ चावल रखें। फिर इसे धन की देवी लक्ष्मी को अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि इससे घर की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है और समृद्धि बनी रहती है। वट पूर्णिमा व्रत के दिन शनिदेव के मंत्र ‘ॐ श्रीं शं श्रीं शनैश्चराय नमः’ का जाप करते हुए एक मुट्ठी साबुत उड़द की दाल दान करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि इससे कार्य में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। वट पूर्णिमा व्रत के दिन बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करें और व्रत रखें। इसके बाद शाम को चंद्रमा को दूध का अर्घ्य देना चाहिए। मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। वट पूर्णिमा के अवसर पर धन की देवी लक्ष्मी को 11 कवच अर्पित करने चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी को कौड़ी चढ़ाने से पति को सफलता और आर्थिक लाभ मिलता है।

ये बातें याद रखें...

  • वट पूर्णिमा व्रत के दिन सत्य बोलना और दूसरों के साथ विनम्रता से पेश आना जरूरी होता है।
  • वट पूर्णिमा के दिन सकारात्मक विचार और भक्ति बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
  • वट पूर्णिमा पर मांस खाने और शराब पीने से बचें।
  • वट पूर्णिमा का व्रत पूरा करने के बाद पूजा करनी चाहिए और व्रत तोड़ना चाहिए।
  • कुछ महिलाओं की रीति-रिवाज के अनुसार वट पूर्णिमा के दिन कुछ रंगों (जैसे सफेद, नीला, हरा) के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
  • वट पूर्णिमा के दिन गुप्त दान के रूप में कुछ वस्तुएं देने का नियम है, इसलिए उन वस्तुओं का परित्याग करना ठीक नहीं है।

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