Heart Attack : हार्ट अटैक से बचाव के लिए वैक्सीन! एक बार लेने के बाद 8 साल तक कोई तनाव नहीं रहता।

Thu, May 08 , 2025, 12:47 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नई दिल्ली। पहले हार्ट अटैक (Heart Attack) को सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था। लेकिन अब छोटी उम्र में भी दिल के दौरे आने लगे हैं। आप यह नहीं बता सकते कि दिल का दौरा कब, कहाँ, किसे और कैसे पड़ेगा। लेकिन अब दिल (Heart) के दौरे को रोकना संभव है। दिल के दौरे को रोकने के लिए एक टीका विकसित किया गया है। एक बार यह टीका लगवाने से आठ वर्षों तक हृदय रोग का खतरा कम हो जाएगा।
वैज्ञानिकों ने एक टीका विकसित कर लिया है। यह टीका हृदय रोग की रोकथाम के लिए विकसित किया गया है। अब वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर शिंगल्स नामक यह टीका एक बार दे दिया जाए तो अगले 8 सालों तक हृदय रोग का खतरा कम हो जाएगा।
यह अध्ययन 1.2 मिलियन से अधिक लोगों के बीमा आंकड़ों पर आधारित है, जिनका औसतन छह वर्षों तक अनुसरण किया गया। परीक्षणों से पता चला है कि हर्पीज ज़ोस्टर शिंगल्स के लिए टीका हृदय रोग के समग्र जोखिम को 23 प्रतिशत, दिल के दौरे को 22 प्रतिशत और दिल के दौरे के जोखिम को 26 प्रतिशत तक कम करता है।


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यह टीका विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए लाभदायक हो सकता है, क्योंकि इस आयु के बाद हृदय रोग की संभावना अधिक होती है।
दाद क्या है?
दाद एक वायरल संक्रमण है। जिससे शरीर के एक तरफ दर्दनाक, धारीदार दाने हो जाते हैं। यह चिकनपॉक्स वायरस (वैरिसेला-ज़ोस्टर) के पुनः सक्रिय होने के कारण होता है। यह संक्रमण आमतौर पर तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। अध्ययन में इस वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को यह टीका देने की सलाह दी गई है।

यह टीका हृदय पर कैसे काम करता है?
अध्ययन के प्रमुख लेखक प्रोफेसर डोंग कियोन येओन ने कहा कि हमारे अध्ययन से पता चलता है कि दाद का टीका हृदय रोग के जोखिम को भी कम कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति को कोई खतरा नहीं है, तो भी यह टीका हृदय रोग की रोकथाम के लिए रामबाण हो सकता है। इस टीके का प्रभाव 60 वर्ष से कम आयु के लोगों और अस्वस्थ जीवनशैली वाले लोगों पर अधिक स्पष्ट था।

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अभी तक यह पूरी तरह ज्ञात नहीं है कि यह टीका किस प्रकार काम करता है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह दाद को रोकता है। इस बीमारी से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, यह अप्रत्यक्ष रूप से हृदय की रक्षा कर सकता है। पिछले अध्ययनों से पता चला है कि कोई भी संक्रमण दिल के दौरे और हृदय रोग के जोखिम को 1.5 से 2 गुना तक बढ़ा सकता है। दाद रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और सूजन और रक्त के थक्के के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

क्या यह टीका भारत में उपलब्ध है?

दुनिया भर में दाद के दो प्रकार के टीके उपलब्ध हैं। एक जीवित है, जो वायरस को कमजोर करता है, और दूसरा पुनः संयोजक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके विकसित किया गया है, जिसमें वायरस के ऐसे हिस्से शामिल होते हैं जो बीमारी का कारण नहीं बनते हैं। ये दोनों टीके भारत में उपलब्ध हैं। वैज्ञानिकों की सलाह है कि 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को यह टीका जरूर लगवाना चाहिए।

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