नयी दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक (Zinc) उत्पादक वेदांता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Limited) ने अगली पीढ़ी की जिंक-आधारित पावर स्टोरेज बैटरी तकनीकों के अनुसंधान में शुरुआती सफलता का दावा करते हुए कहा है कि परीक्षण में ऐसी बैटरियों में तीन से 72 घंटों के लिए भरोसेमंद बैकअप पावर प्रदाने की क्षमता पायी गयी है।
कंपनी की ओर से सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह आईआईटी मद्रास और जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च ( JNCASR) बेंगलुरु के साथ मिल कर अगली पीढ़ी के, स्वच्छ एवं स्वस्थ ऊर्जा समाधान प्रस्तुत करने की मुहिम को आगे बढ़ा रही है।
कंपनी ने कहा है कि जस्ता बैटरी के क्षेत्र में उसके अनुसंधान का लक्ष्य उच्च विद्युत भंडारण क्षमता, बेहतर सुरक्षा और लंबी परिचालन तक काम करने की शक्ति वाले स्टोरेज बैटरी समाधार प्रस्तुत करना है। इसे इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रिड-स्केल ऊर्जा भंडारण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कंपनी का दावा है कि स्वच्छ ऊर्जा की राह में प्रगति में सहयोग के लिए वह उभरती जिंक बैटरी तकनीक के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास का नेतृत्व कर रही है। विज्ञप्ति के अनुसार जिंक आधारित समधान प्रचुरता, स्वस्थ विकास और लागत की दृष्टि से लिथियम आयन बैटरी के शक्तिशाली विकल्प के रूप में उभरा है और जिंक-आधारित प्रणालियाँ भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं के लिए अधिक किफायती और भू-राजनीतिक रूप से सुरक्षित मार्ग प्रस्तुत करती हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिंक आधारित बैटरी समाधान तीन से 72 घंटों के लिए भरोसेमंद बैकअप पावर प्रदान करते हैं, गैर-खतरनाक कच्चे माल का उपयोग करते हैं और पारंपरिक तकनीकों की तुलना में ग्रीनहाउस गैस (GHG) पदचिह्न लगभग छह गुना कम है। कंपनी का दावा है कि एयरोस्पेस, समुद्री, नवीकरणीय ऊर्जा, डेटा सेंटर, 5 जी नेटवर्क और मिशन-क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे उच्च मांग वाले क्षेत्रों में जिंक आधारित सामग्रियों का सिद्ध उपयोग उनकी विश्वसनीयता और अनुकूलनशीलता को और मजबूत करता है।
जेएनसीएएसआर के प्रो. प्रेम सेनगुट्टुवन ने इस बारे में कहा, “हमारी टीम उन्नत इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ मिलकर नए जिंक एनोड फॉर्मूलेशन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हमने इलेक्ट्रोड / इलेक्ट्रोलाइट इंटरफेस इंजीनियरिंग में उल्लेखनीय प्रगति की है, जो बहुत उत्साहजनक है।” परियोजना का नेतृत्व कर रहे आईआईटी मद्रास के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अरविंद कुमार चंदिरन ने कहा, “ये जिंक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रिड-स्केल ऊर्जा भंडारण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक उभरता हुआ समाधान हैं।”
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा, “बैटरी सेगमेंट नवाचार के लिए तैयार है क्योंकि दुनिया लंबे समय तक चलने वाले और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रही है। हिन्दुस्तान जिंक ने अत्याधुनिक निकल-जिंक बैटरी टेक्नोलॉजी के लिए प्रमुख अमेरिकी बैटरी निर्माता एईसिर टेक्नोलॉजीज के साथ एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं। एईसिर टेक्नोलॉजीज एक अमेरिकी कंपनी है जो जिंक बैटरी तकनीक में विशेषज्ञता रखती है, खासकर निकल-जिंक बैटरी की।
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Mon, May 05 , 2025, 08:05 PM