Obesity Effects: तेज रफ्तार आधुनिक जीवनशैली में मोटापा वैश्विक स्तर पर एक गंभीर और तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बन गई है। शरीर में अतिरिक्त वसा जमा होने के कारण व्यक्ति का वजन सामान्य वजन से 20 प्रतिशत अधिक बढ़ जाता है, जो मोटापे का कारण बनता है। यह सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं है, बल्कि इससे कई जानलेवा बीमारियां भी होती हैं, जो सीधे तौर पर व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन प्रत्याशा को प्रभावित करती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा एक बहुअंग विकार है, अर्थात एक समस्या कई बीमारियों को जन्म देती है। इससे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, फैटी लीवर, स्लीप एपनिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, मोटापे के कारण असमय मृत्यु का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे इस समस्या पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। कोल्हापुर के डॉ. अविनाश शिंदे ने इस बारे में जानकारी दी है।
मोटापे के कारण
मोटापे के कारण अनेक एवं विविध हैं। कुछ मामलों में, आनुवंशिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि एक या दोनों माता-पिता मोटे हैं, तो बच्चों में भी मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। हालाँकि, आजकल अस्वस्थ जीवनशैली के कारण मोटापे की समस्या और भी गंभीर हो गई है। असंतुलित आहार, जिसमें जंक फूड, शर्करा युक्त पेय और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं, मोटापे का प्रमुख कारण है। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधि की कमी, जैसे नियमित व्यायाम न करना या गतिहीन जीवनशैली भी वजन बढ़ने का कारण बनती है। तनाव, नींद की कमी, हार्मोनल असंतुलन, कुछ दवाओं का लंबे समय तक उपयोग और थायरॉयड जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी मोटापे में योगदान करती हैं। विशेष रूप से, शहरी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी पर निर्भरता ने शारीरिक श्रम को कम कर दिया है, जिससे यह समस्या और अधिक गंभीर हो गई है।
मोटापे के स्वास्थ्य प्रभाव
मोटापे के शरीर पर कई दुष्प्रभाव होते हैं। वजन बढ़ने से हृदय पर दबाव पड़ता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो सीधे मोटापे से संबंधित है, क्योंकि अतिरिक्त वसा इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाती है। फैटी लीवर एक और गंभीर समस्या है, जिसके कारण लीवर की कार्यप्रणाली ख़राब हो जाती है। स्लीप एप्निया, जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट होती है, थकान और अन्य जटिलताओं को बढ़ाती है। इसके अलावा, मोटापे से जोड़ों के दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस और कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे स्तन, बृहदान्त्र और यकृत कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है; मोटापे के कारण आत्मविश्वास में कमी, अवसाद और सामाजिक बहिष्कार जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
मोटापा कम करने के उपाय
मोटापे पर नियंत्रण पाने के लिए जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना आवश्यक है। सबसे पहले आपको संतुलित आहार का पालन करना चाहिए। इसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन और स्वस्थ वसा शामिल होना चाहिए। जंक फूड, शर्करा युक्त पेय और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। आहार विशेषज्ञ से परामर्श के बाद व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार आहार योजना तैयार की जानी चाहिए। नियमित व्यायाम मोटापा कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि करें, जैसे चलना, दौड़ना, योग या वजन उठाना। नींद की कमी से बचने के लिए 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, क्योंकि नींद की कमी भूख बढ़ाने वाले हार्मोन को प्रभावित करती है।
ध्यान, योग और श्वास व्यायाम तनाव प्रबंधन के लिए उपयोगी हैं। इसके अलावा, कुछ थेरेपी या दवाओं का उपयोग भी चिकित्सीय सलाह से किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए विशेषज्ञ की सलाह की आवश्यकता होती है। कई मशहूर हस्तियां और फिटनेस विशेषज्ञ स्वस्थ जीवनशैली पर जोर देते हैं और संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। मोटापे पर नियंत्रण पाने के लिए दीर्घकालिक और स्थायी परिवर्तन आवश्यक हैं, क्योंकि त्वरित आहार या अस्थायी समाधान लंबे समय तक प्रभावी नहीं होते।
जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पिछले कुछ दशकों में दुनिया भर में मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। भारत में यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बढ़ रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर जागरूकता और सामाजिक स्तर पर प्रयास की आवश्यकता है। स्कूलों, कार्यस्थलों और समुदायों में स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम लागू किए जाने चाहिए। सरकार को जंक फूड पर कर लगाने, स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने तथा सार्वजनिक जिम जैसे उपायों को भी लागू करना चाहिए।
मोटापा सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं है, यह व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसे नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है। यदि मोटापे से निपटने के लिए अभी कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक लागत पर दबाव बढ़ जाएगा। इसलिए डॉ. अविनाश शिंदे का कहना है कि हर किसी को अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी स्वयं लेनी चाहिए और स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली अपनानी चाहिए।
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Thu, Apr 17 , 2025, 09:30 AM