RBI on Gold Loan : स्वर्ण ऋण (gold loans) में बढ़ते जोखिम और अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्वर्ण ऋण क्षेत्र के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी करने का निर्णय लिया है। आरबीआई स्वर्ण ऋण के लिए नए नियम बना रहा है और चूंकि वर्तमान में बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) स्वर्ण ऋण प्रदान करने के लिए थोड़े अलग नियमों का पालन करती हैं, इसलिए आरबीआई सभी उधारकर्ताओं के लिए नियमों में सामंजस्य स्थापित करेगा।
स्वर्ण ऋण के लिए RBI के नए नियम
नए रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भी गोल्ड लोन पर बैंकों और एनबीएफसी की मनमानी पर चिंता जताई। आरबीआई गवर्नर ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द ही स्वर्ण ऋण पर व्यापार नियम जारी करेगा, जो बैंकों और एनबीएफसी की जोखिम लेने की क्षमता पर आधारित होगा ताकि ऋण देने के इस व्यापक क्षेत्र को अन्य ऋणों की तरह विनियमित किया जा सके।
स्वर्ण ऋण में भारी वृद्धि
भारतीयों में सोने के प्रति बहुत ज्यादा क्रेज है। चाहे कोई त्यौहार हो या शादी, भारतीय सोना खरीदने में कभी नहीं हिचकिचाते। वहीं, पिछले कुछ सालों में सोने में निवेश भी बढ़ा है। यदि आवश्यकता हो तो सोने के बदले ऋण भी उपलब्ध है, लेकिन स्वर्ण ऋण उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो किसी कारणवश बैंक से ऋण नहीं ले पाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही गोल्ड लोन के आंकड़े भी बढ़ गए हैं। स्वर्ण ऋण न केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए बल्कि छोटे व्यवसायों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं।
नए नियमों की घोषणा से बाजार में उत्साह
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 9 अप्रैल, 2025 को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद गोल्ड लोन से संबंधित नए नियमों की योजना की घोषणा की, जिसके बाद मुथूट फाइनेंस और मन्नापुरम जैसी एनबीएफसी के शेयरों में क्रमशः लगभग 10% और 2.78% की गिरावट आई। इसके कारण, यह आशंका है कि नये नियम इन कम्पनियों के मुनाफे पर दबाव डाल सकते हैं तथा उनकी परिचालन लागत बढ़ा सकते हैं।
स्वर्ण ऋण पर वर्तमान व्यवस्था क्या है?
वर्तमान में बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दिए गए स्वर्ण ऋण के लिए बुलेट पुनर्भुगतान मॉडल अपनाया जाता है। इसका मतलब यह है कि उधारकर्ता को हर महीने केवल ब्याज देना होता है, लेकिन आभूषण उन्हें पूरी ऋण राशि चुकाने के बाद ही लौटाए जाते हैं। हालाँकि, यदि ग्राहक चाहें तो वे इस बीच आंशिक भुगतान भी कर सकते हैं। इससे स्वर्ण ऋण पर जोखिम काफी बढ़ जाता है तथा चूक का खतरा पैदा हो जाता है।
स्वर्ण ऋण में ईएमआई जैसी प्रणाली शुरू की जाएगी
रिजर्व बैंक का मानना है कि गोल्ड लोन का मौजूदा मॉडल बैंकों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी खतरनाक है। डिफॉल्ट के कारण औसत ग्राहक बैंक से लिया गया ऋण नहीं चुका पाता है और बैंक पर भी डिफॉल्ट का खतरा बना रहता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए बेहतर होगा कि होम और ऑटो लोन की तरह ईएमआई सिस्टम लागू किया जाए, जिससे आम आदमी के लिए गोल्ड लोन चुकाना आसान हो जाएगा और डिफॉल्ट जैसी स्थितियों से भी बचा जा सकेगा।
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Wed, Apr 09 , 2025, 03:37 PM