आरबीआई के नीतिगत निर्णय पर रहेगी बाजार की नजर

Sun, Apr 06 , 2025, 12:42 PM

Source : Uni India

मुंबई 06 अप्रैल (वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के पारस्परिक टैरिफ में बेतहाशा बढ़ोतरी किये जाने से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध गहराने एवं आर्थिक मंदी की आशंका में हुई भारी बिकवाली से बीते सप्ताह ढाई प्रतिशत से अधिक की गिरावट में रहे घरेलू शेयर बाजार (Stock Market) की अगले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI) की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निर्णय पर नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई (BSE) का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 2050.23 अंक अर्थात 2.65 प्रतिशत का गाेता लगाकर सप्ताहांत पर दो सप्ताह बाद 76 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 75364.69 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 614.9 अंक यानी 2.61 प्रतिशत की गिरावट लेकर 23 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 22904.45 अंक पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जमकर बिकवाली हुई। इससे मिडकैप 1022.59 अंक अर्थात 2.5 प्रतिशत लुढ़ककर सप्ताहांत पर 40508.53 अंक और स्मॉलकैप 770.96 अंक यानी 1.7 प्रतिशत कमजोर रहकर 45867.17 अंक रह गया।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, नए वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत धीमी रही है, जिसका प्रमुख कारण अमेरिका द्वारा अपेक्षा से अधिक टैरिफ लगाया जाना है। इससे आईटी और धातु जैसे क्षेत्रों ने व्यापक बाजार की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंताओं और संभावित जवाबी व्यापार कदमों की आशंका को दर्शाता है। निवेशक अब वैश्विक व्यापार साझेदारों की ओर से संभावित जवाबी कार्रवाई पर करीबी नजर बनाए हुए हैं, जिससे भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता और गहराने की संभावना है। इस सतर्क रुख का असर सोने और बॉन्ड जैसी निवेश के लिए सुरक्षित गंतव्य मानी जाने वाली परिसंपत्तियों की ओर बढ़ते झुकाव में भी देखा जा रहा है, जहां कीमतों में निरंतर तेजी बनी हुई है।
वहीं, भारत पर लगाए गए टैरिफ की दर अन्य एशियाई देशों की तुलना में कम रही है, जो बाजार के लिए कुछ राहत की बात है। भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में यदि कोई रचनात्मक प्रगति होती है तो यह बाजार के लिए सकारात्मक संकेतक के रूप में काम कर सकता है। साथ ही निवेशकों की निगाहें आरबीआई की चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक पर भी टिकी हैं। यदि फैसला अनुकूल रहता है, तो ब्याज दर के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों को इसका लाभ मिल सकता है।
इसके अलावा, भारत की महंगाई के आंकड़े और अमेरिका में बेरोजगारी के दावे जैसे प्रमुख मैक्रोइकोनॉमिक संकेतकों पर भी बाजार की पैनी नजर रहेगी क्योंकि ये आंकड़े दोनों देशों की आर्थिक स्थिति की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसी बीच निवेशकों का फोकस धीरे-धीरे 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनियों के तिमाही परिणाम की ओर बढ़ रहा है। शुरुआती संकेतों से यह स्पष्ट है कि आय में वृद्धि की गति सुस्त रह सकती है क्योंकि मांग में कमजोरी और लागत दबाव के चलते कंपनियों के मार्जिन प्रभावित हो सकते हैं।
विशेष रूप से आईटी क्षेत्र की आय कमजोर रहने की आशंका जताई जा रही है और निवेशकों का भरोसा काफी हद तक प्रबंधन की टिप्पणियों पर निर्भर करेगा। वैश्विक विकास को लेकर जारी चिंताओं और अमेरिका में संभावित रूप से बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण कंपनियां विवेकाधीन आईटी खर्चों को टाल सकती हैं, जिससे इस क्षेत्र का निकट अवधि का दृष्टिकोण और अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
बीते सप्ताह सोमवार को ईद-उल-फितर पर अवकाश के कारण बाजार में चार दिन ही कारोबार हुआ, जिनमें से तीन दिन गिरावट और एक दिन तेजी रही। डोनाल्ड ट्रंप के बुधवार से पारस्परिक टैरिफ लागू करने की धमकी से निवेशकों के निवेश के सुरक्षित गंतव्य स्वर्ण और बॉन्ड की ओर रुख करने से हुई भारी चौतरफा बिकवाली से मंगलवार को सेंसेक्स 1390.41 अंक का गोता लगाकर 76,024.51 अंक और निफ्टी 353.65 अंक की गिरावट लेकर 23165.70 अंक पर बंद हुआ।
वहीं, अमेरिकी टैरिफ की अनिश्चितताओं के बावजूद स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत पिछले दिवस के कोहराम से उबरकर बुधवार को शेयर बाजार ने लंबी छलांग लगाई। सेंसेक्स 592.93 अंक उछलकर 76,617.44 अंक और निफ्टी 166.65 अंक की तेजी के साथ 23332.35 अंक पर पहुंच गया।
श्री ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध छिड़ने की चिंता में विश्व बाजार में आई गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर आईटी, टेक, फोकस्ड आईटी, ऑटो और तेल एवं गैस समेत नौ समूहों में हुई भारी बिकवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 322.08 अंक का गोता लगाकर 76,295.36 अंक और निफ्टी 82.25 अंक की गिरावट लेकर 23250.10 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिकी टैरिफ की घोषणा से वैश्विक मंदी आने की आशंका से विश्व बाजार में जारी गिरावट से घबराए निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से शुक्रवार को सेंसेक्स 930.67 अंक का गोता लगाकर 75,364.69 अंक और निफ्टी 345.65 अंक लुढ़ककर 23 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 22904.45 अंक पर आ गया।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups