मुंबई: पिछले दो दिनों से चर्चा है कि अभिनेता नाना पाटेकर (Nana Patekar) को 'मी टू(MeToo Case)' मामले में आखिरकार राहत मिल गई है। नाना पाटेकर के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न (sexual harassment) का मामला दर्ज किया गया। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नाना पाटेकर के खिलाफ बी समरी रिपोर्ट खारिज कर दी है। अभिनेत्री तनुश्री दत्ता (Actress Tanushree Dutta) ने नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। हालाँकि, मजिस्ट्रेट कार्यालय (Magistrate's Office) ने बी समरी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है क्योंकि इन आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।
कहा जाता है कि इससे नाना पाटेकर को बड़ी राहत मिली। हालांकि, तनुश्री दत्ता के वकील नितिन सातपुते ने दावा किया है कि अदालत ने तनुश्री की याचिका खारिज नहीं की है। वकील नितिन सातपुते ने कहा है कि हालांकि बी समरी रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया, लेकिन अदालत ने तनुश्री की शिकायत को खारिज नहीं किया है।
तनुश्री का सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण
तनुश्री के वकीलों ने अब इस पर प्रतिक्रिया दी है। खुद तनुश्री ने भी अपने सोशल मीडिया के जरिए इस पर टिप्पणी की है। आइये देखें कि उन्होंने वास्तव में इस परिणाम के बारे में क्या कहा।
फर्जी खबरों पर विश्वास न करें
तनुश्री ने कहा है, "कृपया किसी भी फर्जी खबर पर विश्वास न करें, अदालत ने धोखाधड़ी और मानहानिकारक बी-समरी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।" मेरे खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला नहीं है। मुंबई पुलिस द्वारा 2019 में दायर बी समरी रिपोर्ट को महीनों की कानूनी बहस और मुकदमेबाजी के बाद कल अदालत ने खारिज कर दिया। तो मूलतः, नाना पाटेकर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला अभी भी चल रहा है। हर साल नाना की पीआर टीम इस तरह की झूठी अफवाह फैलाती है कि मामला बंद हो गया है और यह भी उसी तरीके से किया गया है। वे गलत सूचना फैलाने और मीडिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे अदालत में यह मामला हार चुके हैं। कृपया इस विक्षिप्त झूठे व्यक्ति और उसकी पीआर टीम पर भरोसा न करें तथा न्यायालय के तथ्यों की भी जांच कर लें।" यह कहते हुए तनुश्री ने कहा है कि नाना पाटेकर को कोर्ट से राहत मिलने की खबर झूठी है।
"नाना की आत्मा जल रही है, इसीलिए इस तरह गलत सूचना फैलाई जा रही है"
उन्होंने आगे कहा, "नाना पाटेकर के खिलाफ जल्द ही आरोप पत्र दायर किया जाएगा और उन्हें इसकी जानकारी है।" यह मीडिया और जनता को गुमराह करने के लिए नाना पाटेकर के पीआर द्वारा फैलाई गई फर्जी खबर है। मूल मामला अभी तक अदालत में पेश नहीं किया गया है, तो कोई न्यायाधीश फैसला कैसे दे सकता है? वर्तमान अदालती सुनवाई केवल 2019 में पुलिस द्वारा दायर बी समन रिपोर्ट पर थी और फैसला उसी संबंध में है। बी सारांश यह मामले को बंद करने का एक कमजोर प्रयास था लेकिन मेरी कानूनी टीम ने इसे सही तरीके से संभाला और इस बहस को जीत लिया! यह हमारे लिए एक छोटी सी जीत थी, लेकिन यह परिणाम देश की भावना को जला रहा है, यही कारण है कि इस तरह से गलत सूचना फैलाई जा रही है। मीडिया में फर्जी खबरें फैलाने पर बहुत पैसा खर्च किया जा रहा है। उनके खिलाफ मामला बंद नहीं किया गया है। तनुश्री ने अदालत से तथ्यों की जांच करने का अनुरोध किया है। इस बीच अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि अभिनेता नाना पाटेकर तनुश्री के पोस्ट या उनके दावे पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
असली मुद्दा क्या था?
अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने 2008 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान एक नृत्य दृश्य के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस आरोप पर उन्होंने नाना पाटेकर, कोरियोग्राफर गणेश आचार्य, निर्देशक अब्दुल सामी सिद्दीकी और निर्माता राकेश सारंग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने ओशिवारा पुलिस स्टेशन में चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने मी टू अभियान के तहत पाटेकर के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था।
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Sat, Mar 08 , 2025, 03:41 PM