Budget MSMEs: एमएसएमई भारत के विनिर्माण और औद्योगिक विकास का आधार: प्रधानमंत्री

Tue, Mar 04 , 2025, 06:46 PM

Source : Uni India

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) को भारत के विनिर्माण और औद्योगिक विकास का आधार बताते हुये आज कहा कि वर्ष 2020 में सरकार ने 14 वर्षों के बाद एमएसएमई की परिभाषा को संशोधित करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिससे एमएसएमई का यह भय समाप्‍त हो गया कि यदि वे अपने क्षेत्र का विस्‍तार करेंगे तो सरकारी लाभ खो देंगे।

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया। ये वेबिनार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को विकास का इंजन बनाने, विनिर्माण, निर्यात और परमाणु ऊर्जा मिशन, विनियामक, निवेश और व्यापार करने में आसानी जैसे विषयों पर आयोजित किए गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि विनिर्माण और निर्यात पर बजट पश्चात वेबिनार बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस बजट को सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट बताते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस बजट का सबसे उल्लेखनीय पहलू इसके अपेक्षित परिणाम है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने कई क्षेत्रों में विशेषज्ञों की अपेक्षा से कहीं बढ़कर कदम उठाए हैं और इस बजट में विनिर्माण और निर्यात के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि देश में एमएसएमई की संख्या बढ़कर 6 करोड़ से अधिक हो गई है, जिससे करोड़ों लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। इस बजट में एमएसएमई की परिभाषा को और अधिक विस्तारित किया गया है ताकि उनके निरंतर विकास में विश्वास पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एमएसएमई के सामने सबसे बड़ी समस्या ऋण प्राप्त करने में कठिनाई थी। उन्होंने कहा कि दस साल पहले एमएसएमई को लगभग 12 लाख करोड़ रुपये का ऋण मिला था, जो अब बढ़कर लगभग 30 लाख करोड़ रुपये हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में एमएसएमई ऋणों के लिए गारंटी कवर को दोगुना करके 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, कार्यशील पूंजी की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ऋण तक पहुंच को आसान बनाया है और एक नए प्रकार के ऋण की शुरुआत की है। लोगों को अब बिना गारंटी के ऋण मिल रहा है, जिसकी उन्होंने पहले कभी कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, एमयूडीआरए (मुद्रा) जैसी योजनाएं, जो बिना गारंटी के ऋण प्रदान करती हैं, ने छोटे उद्योगों को भी समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रेड्स पोर्टल ऋण से जुड़ी कई समस्‍याओं का समाधान कर रहा है। प्रधानमंत्री ने ऋण वितरण के नए तरीके विकसित करने की आवश्यकता और यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि प्रत्येक एमएसएमई को कम लागत और समय पर ऋण मिल सके। उन्होंने घोषणा की पहली बार उद्योग स्‍थापित करने वाली महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के पांच लाख उद्यमियों को 2 करोड़ रुपए का ऋण मिलेगा। श्री मोदी ने कहा कि यह पहली बार है कि उद्यमियों को न केवल ऋण सहायता बल्कि मार्गदर्शन की भी आवश्यकता है। उन्होंने उद्योग जगत से इन व्यक्तियों की मदद के लिए एक मेंटरशिप कार्यक्रम बनाने का आग्रह किया।

श्री मोदी ने निवेश को बढ़ावा देने में राज्यों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि राज्य जितना अधिक व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देंगे, उतने ही अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि इससे संबंधित राज्यों को सबसे अधिक लाभ होगा। उन्होंने इस बजट का अधिकतम लाभ लेने के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील नीतियों वाले राज्य अपने क्षेत्रों में निवेश करने के लिए कंपनियों को आकर्षित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पिछले 10 वर्षों में देश ने सुधारों, वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निरंतरता और सुधारों के आश्वासन ने उद्योग जगत में नया आत्मविश्वास आया है। उन्होंने विनिर्माण और निर्यात से जुड़े हर हितधारक को आश्‍वस्‍त किया कि आने वाले वर्षों में भी यह निरंतरता बनी रहेगी। हितधारकों को साहसिक कदम उठाने और देश के लिए विनिर्माण और निर्यात के नए मार्ग खोलने के लिए प्रोत्साहित करते हुए श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दुनिया का हर देश भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहता है। उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र से इस साझेदारी का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थिर नीति और बेहतर कारोबारी वातावरण किसी भी देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ वर्ष पहले सरकार ने जन विश्वास अधिनियम पेश किया था और अनुपालन कम करने के प्रयास किए थे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर 40,000 से अधिक अनुपालन समाप्त किए गए, जिससे व्‍यापार करने में आसानी हुई। इस प्रकिया को जारी रखने पर जोर देते हुए श्री मोदी ने उल्लेख किया कि सरकार ने आयकर के सरल प्रावधान पेश किए हैं और जन विश्वास विधेयक 2.0 पर काम जारी है। उन्होंने कहा कि गैर-वित्तीय क्षेत्र में नियमों की समीक्षा के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसका उद्देश्य उन्हें आधुनिक, लचीला, लोगों के अनुकूल और विश्वास आधारित बनाना है।

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