भारत के अल्पसंख्यक कब स्वीकार करेंगे कि उनके पूर्वज राम थे: योगी

Tue, Jan 28 , 2025, 02:24 PM

Source : Uni India

लखनऊ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश में भगवान राम को पूर्वज माना जाता है मगर वोट बैंक (vote bank) की शिकार देश की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक आबादी (Minority population) क्या यह स्वीकार करेगी कि उनके पूर्वज ‘राम’ थे। योगी ने यहां एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा “ इंडोनेशिया दुनिया (Indian DNA) का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, वहां के राष्ट्रपति अपने भारतीय डीएनए पर गर्व करते हैं। उनका नाम भी संस्कृत से प्रेरित है। इंडोनेशिया में राम को पूर्वज माना जाता है, गरुड़ उनकी राष्ट्रीय एयरलाइंस (national festival)है, गणपति उनकी मुद्रा पर है और रामलीला उनका राष्ट्रीय त्योहार है। 

भारत में रहकर, इस धरती का उपभोग करने वाली बड़ी आबादी, जो दुर्भाग्य से केवल वोट बैंक बनकर रह गई है, क्या वे स्वीकार कर पाएंगे कि उनके पूर्वज राम थे। मुख्यमंत्री ने भारत के अल्पसंख्यकों को अपने पूर्वजों पर गर्व करने की सलाह दी। उन्होंने इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बड़ा इस्लामिक राष्ट्र भगवान राम को अपना पूर्वज मानता है, इस पर वह गर्व करता है, क्या भारत के अल्पसंख्यकों की एक बड़ी आबादी इस सच को स्वीकार कर पाएगी कि उनके भी पूर्वज राम थे।

वक्फ कानून में बदलाव पर विपक्षी नेताओं द्वारा दी जा रही चेतावनियों पर मुख्यमंत्री ने कहा “ समय की जरूरत के अनुसार वक्फ कानून में बदलाव हो रहा है। मुझे खुशी है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने इस संशोधन पर काम किया है। उम्मीद है कि अगले सत्र में इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी बदलाव का उद्देश्य समाज में पारदर्शिता और न्याय को सुनिश्चित करना है। जैसे देश में सीएए लागू हुआ है वैसे ही वक्फ बिल में संशोधन के बाद इसे भी लागू कर दिया जाएगा। सीएए से आज हमारे पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को देश में नागरिकता मिल रही है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में संभव हुआ है।”

उन्होने कहा कि वक्फ की कोई जमीन नहीं होती है, यह राजस्व की जमीन है। उत्तर प्रदेश में वक्फ ने एक लाख 27 हजार संपत्तियों पर अपना दावा किया था, जिसे हमने जांच कराया वह सिर्फ 7 हजार ही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति राजस्व की होती है वहां थाने बने या अन्य सार्वजनिक उपयोग या प्रशासनिक उपयोगी के भवन किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए और संभल में किसी ने आपत्ति भी नहीं की।

संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर छिड़े विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों में संभल का उल्लेख है। आईन-ए-अकबरी के अनुसार, मीर बाकी ने श्रीहरि का मंदिर तोड़कर वहां मस्जिद बनाई थी। उन्होंने कहा कि हम हर जगह मंदिर नहीं तलाश रहे हैं, लेकिन जहां ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद हैं, वहां सच को सामने लाना जरूरी है। मुख्यमंत्री योगी ने ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत के पौराणिक ग्रंथ हमारे सामने इस बात के प्रमाण हैं कि श्रीहरि विष्णु का 10वां अवतार कहां पैदा होना है। 3500 वर्ष से 5000 वर्ष के दौरान ग्रंथों की रचना हुई है। इस्लाम का जन्म हुए 1400 वर्ष हुए हैं, हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है।

उन्होंने कहा कि पुराणों के बारे में हो सकता है कि ओवैसी या अन्य लोगों को भरोसा न हो, लेकिन कम से कम आइन-ए-अकबरी देखें। वह तो इस बात का उल्लेख कर रहा है और वहां पर जो कुछ भी उत्खनन में सामने आ रहा है, वह इस बात को प्रमाणित करता है कि वहां पर कोई पौराणिक नगरी थी। पुरातात्विक अवेशषों के आधार पर हम कह सकते हैं कि यह संभल नगरी वही है, जो पुराण उल्लेख करता है। परंपरागत लोगों की आस्था वहां पर है। अगर यह तमाम चीजें वहां पर सामने आ रही हैं तो मुझे लगता है कि उनको इस सच्चाई को स्वीकार करने की हिम्मत भी करनी चाहिए।

 

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