श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Chief Minister Omar Abdullah) ने गुरुवार को कहा कि उन्हें जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी होगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से उन्होंने लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों के दौरान लोगों से किए गए वादों को पूरा करने का आग्रह किया। अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री ने राजनीतिक नेताओं को नहीं बल्कि सीधे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें अभी एक बड़ी लड़ाई लड़नी है और वह लड़ाई जम्मू-कश्मीर को एक राज्य के रूप में अपना दर्जा वापस दिलाने के लिए है। …प्रधानमंत्री ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान हमसे नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर की आवाम से राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था।” अब्दुल्ला ने श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) के स्थापना दिवस के मौके पर संवाददाताओं से कहा “जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इन चुनावों में बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से मतदान किया है और उन्होंने ऐसा इस उम्मीद के साथ किया कि ये वादे, खासकर राज्य का दर्जा बहाल करने के वादे पूरे होंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने महाराष्ट्र और झारखंड (इन राज्यों में विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए) में अपनी प्रतिबद्धताओं में व्यस्त थे और अब थोड़ी व्यस्तता से मुक्त हुए हैं और अब वे बातचीत करेंगे ताकि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा मिल सके।” देश में मस्जिदों और धर्मस्थलों के हालिया सर्वेक्षणों पर बोलते हुए उन्होंने मुस्लिम धार्मिक संस्थानों के खिलाफ लक्षित कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और सरकार से भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया। अब्दुल्ला ने कहा, “ हमारा संविधान धर्म से परे स्वतंत्र रूप से जीने और अपने विश्वास का पालन करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। धर्मनिरपेक्ष शब्द हमारे संविधान के मूल में है और जब तक यह बना रहेगा, यह हमें हर समुदाय के अधिकारों का सम्मान करने के लिए बाध्य करता है, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जो किसी भी धर्म का पालन नहीं करना चाहते हैं।” उन्होंने मुसलमानों के उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ हम तुष्टिकरण की मांग नहीं करते हैं, लेकिन हमें तुष्टीकरण न करने का मतलब यह नहीं है कि आप हमें निशाना बनाएंगे। हमारी मस्जिदों, धर्मस्थलों और धार्मिक प्रथाओं की जांच और हमला क्यों किया जा रहा है? यह वह भारत नहीं है जिसकी कल्पना हमारे संस्थापकों ने की थी, न ही वह भारत है जिसका हिस्सा जम्मू-कश्मीर को चुना गया।” अब्दुल्ला ने कहा कि देश को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र से विचलित नहीं होना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया “ यदि धर्मनिरपेक्ष शब्द का अब कोई महत्व नहीं रह गया है, तो इसे संविधान से हटा दें, लेकिन जब तक यह है, देश को धर्मनिरपेक्ष ही रहना चाहिए।” शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर हुए जानलेवा हमले के बारे में श्री अब्दुल्ला ने कहा कि यह हमला चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा, “ भगवान का शुक्र है कि वह उस हमले में बच गए। हमने स्थिति के बारे में बात की। जाहिर है उन्होंने जो कुछ भी मुझसे साझा किया, वह सार्वजनिक रूप से सुनने लायक नहीं है, लेकिन यह चिंता का विषय है। अगर दिनदहाड़े एक पूर्व उपमुख्यमंत्री जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति पर इस तरह से हमला किया जा सकता है। जाहिर है, इस पर गौर करने की जरूरत है।” उन्होंने अधिकारियों से घटना को गंभीरता से लेने का आग्रह किया। अब्दुल्ला ने कहा, “हम 1980 और 1990 के दशक के शुरुआती दिनों में पंजाब द्वारा झेले गए मुश्किल दौर को नहीं भूल सकते। भगवान न करे कि हमें फिर से वैसा कुछ देखना पड़े।”
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Thu, Dec 05 , 2024, 06:06 PM