सीईसी की नियुक्ति करने वाली समिति में कानून मंत्री को शामिल नहीं किया जाना चाहिए- ओवैसी

Mon, Dec 02 , 2024, 07:30 AM

Source : Uni India

छत्रपति संभाजीनगर: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM chief Asaduddin Owaisi) ने रविवार को मांग की कि देश में चुनावों को पारदर्शी बनाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति करने वाली समिति में कानून मंत्री को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। ओवैसी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सीईसी की नियुक्ति करने वाली समिति के संविधान में बदलाव किया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा इस समिति से उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को बाहर करने और उनकी जगह कानून मंत्री को शामिल करने से सवालिया निशान खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों और जनता का चुनाव प्रक्रिया पर तभी भरोसा होगा जब इस समिति में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश होंगे। उन्होंने बताया कि इस बदलाव के कारण सरकार मनमाने तरीके से अपने पसंद के अधिकारियों को चुनाव अधिकारी के रूप में चुन रही है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को खुलेआम पैसे बांटे गए और औरंगाबाद पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे उनके उम्मीदवार इम्तियाज जलील ने इस संबंध में चुनाव आयोग को एक वीडियो के साथ लिखित शिकायत भी दी थी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच करने के बजाय जलील के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मयुद्ध, भगवा के खिलाफ फतवा, वोट जिहाद, कटेंगे तो बटेंगे जैसे विवादित बयान देने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की, चुनाव में पैसे की बारिश भी हुई, फिर इस चुनाव को 'पारदर्शी' कैसे कहा जा सकता है। उन्होंने कहा, 'लोगों को चुनाव आयोग पर तभी भरोसा होगा जब वीवीपैट में 100 फीसदी वोटों की गिनती दिखेगी।'

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदुओं की आबादी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री की 'लड़की बहन योजना' जैसी योजना की मांग पर निशाना साधते हुए श्री ओवैसी ने कहा, 'अगर हम जन्म दर को देखें तो मुस्लिम समुदाय की जन्म दर में भी कमी आई है। कुछ सालों बाद हमारे देश में वरिष्ठ नागरिकों की आबादी बढ़ जाएगी। एक तरफ भाजपा के कुछ सांसद मांग कर रहे हैं कि केवल दो बच्चों वाले लोगों को ही सरकारी योजना का लाभ मिलना चाहिए और दूसरी तरफ श्री भागवत हिंदुओं से दो से अधिक बच्चे पैदा करने का आग्रह कर रहे हैं।'

एआईएमआईएम प्रमुख ने हाल ही में विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार पर चिंतन करने के लिए यहां आयोजित बैठक में बोलते हुए जोर देकर कहा कि पार्टी में उन गद्दारों के लिए कोई जगह नहीं है जिन्होंने पार्टी छोड़ दी और विधानसभा चुनावों में हार का कारण बने। उन्होंने कहा, 'हम हार से थक कर घर नहीं बैठने वाले हैं। लोगों ने ऐसे गद्दारों को घर बैठा दिया है जो केवल उखाड़ फेंकना चाहते थे, वे अब घर बैठे हैं और उनके चेहरे अब जनता के सामने हैं।'

उन्होंने कहा इम्तियाज जलील हार के बाद भी मैदान में हैं और वे मुस्लिम और दलित समुदायों के निर्विवाद नेता हैं। ओवैसी ने कहा, 'राज्य विधानसभा चुनाव में हार के बाद हम फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे और 2029 में जलील को एआईएमआईएम विधायक के रूप में चुनेंगे।' उन्होंने कहा, 'चूंकि नगर निगम चुनाव आगे हैं इसलिए उम्मीदवारों को भ्रमित नहीं होना चाहिए और यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्हें नामांकन मिल जाएगा। जो लोग जनता के बीच जाएंगे और काम करेंगे और जनता को बताएंगे, उन्हें पार्षद का टिकट मिलेगा।'

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