Donald Trump : अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप हुए भारत के चार दुश्मनों का शिकार

Fri, Nov 08 , 2024, 12:56 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

दिल्ली: अमेरिका में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को सत्ता मिल गई है। ट्रम्प ने 2020 की हार के बाद जोरदार वापसी करते हुए कमला हैरिस को हरा दिया। ट्रंप की जीत (Trump's victory) से भारत के चारों दुश्मनों को करारा झटका लगा है। चाहे वह आतंकवाद हो या अलगाववाद, या हिंदू सुरक्षा और व्यापार युद्ध। अमेरिका में ट्रंप की सरकार (Trump's government) आने से कनाडा में ट्रूडो सरकार (Trudeau government) के साथ-साथ भारत की सीमा से लगे पड़ोसी देशों को भी स्पष्ट संदेश मिल गया है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से एक साथ चार दुश्मन पैदा हो गए है।

कनाडा
ट्रंप की जीत से कनाडा को एक गंभीर और स्पष्ट संदेश जाएगा, जो सुरक्षा और खालिस्तान समर्थक मुद्दों पर पिछले कुछ महीनों से भारत का दुश्मन नंबर एक बन गया है। पिछले कुछ महीनों में अमेरिका और कनाडा में खालिस्तानी आंदोलनों के बढ़ने के कारण भारत को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। कनाडा में भारतीय हिंदुओं की सुरक्षा ख़तरे में है। ट्रंप प्रशासन अमेरिका में खालिस्तानियों द्वारा भारतीय हिंदुओं को दी जा रही धमकियों और धमकियों को नजरअंदाज नहीं करेगा। ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं के मुद्दे पर बयान देकर ये बात साफ कर दी। दूसरी ओर, कनाडा में ट्रूडो सरकार भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल खालिस्तानी समर्थकों की आवाज भी कम करेगी।

चीन
ट्रंप की जीत से भारत के पड़ोसी चीन की आवाज भी धीमी हो जाएगी। चीन की तुलना में अमेरिका भारत का पक्षधर है। क्योंकि वे नहीं चाहते कि चीन विश्व व्यापार में अमेरिका के लिए चुनौती बने। ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका चीन पर टैरिफ बढ़ा सकता है। इससे चीन में वित्तीय संकट पैदा होने की आशंका है। ट्रंप पहले भी चीन के साथ व्यापार युद्ध की बात कर चुके हैं। अमेरिका चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश करता रहेगा। इसलिए अमेरिकी कंपनियों पर अपनी सप्लाई चेन को दूसरे देशों में शिफ्ट करने का दबाव होगा। इसका सीधा फायदा भारत को होगा। क्योंकि जो कंपनियां अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाना चाहती हैं, वे भारत का रुख कर सकती हैं।

इसके अलावा ट्रंप हिंद-प्रशांत महासागर (Indo-Pacific Ocean) में चीन को रोकने के लिए QUAD को ताकतवर बनाने की कोशिश करेंगे। इसकी शुरुआत अगले साल भारत में होने वाली क्वाड नेताओं की बैठक से हो सकती है। ट्रंप बैठक में शामिल हो सकते हैं। अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान जो बिडेन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ चल रहे विवाद को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन ट्रंप ऐसा कोई रुख नहीं अपनाएंगे। 

पाकिस्तान
पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। इस पर ट्रंप का स्पष्ट संदेश है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर कड़ी बातें कही हैं। इतना ही पाकिस्तान ने अमेरिका से वित्तीय रसद भी बंद कर दी। इसके चलते पाकिस्तान आर्थिक संकट में है। ऐसे में पाकिस्तान आतंकवाद के किसी भी मुद्दे पर ट्रंप की नाराजगी बर्दाश्त नहीं कर सकता। इससे उन्हें अन्य संगठनों से रसद प्राप्त करने से भी रोका जा सकता है।

बांग्लादेश
दिवाली के मौके पर धर्म विरोधी एजेंडे के तहत हिंदू अमेरिकियों की सुरक्षा की बात करने वाले ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले की निंदा की। ट्रंप ने चुनाव से पहले बांग्लादेश की यूनुस सरकार को भी स्पष्ट संदेश दिया, जो बाइडेन और यूनुस की नजदीकियां जगजाहिर हैं। लेकिन ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही यूनुस सरकार को संकट का सामना करना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप के साथ मिलकर यूनुस सरकार को बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाने के लिए मजबूर करेंगे। 

 

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups