मुंबई: यह स्पष्ट हो गया है कि पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) आखिरकार उप मुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) के नेतृत्व वाली राकांपा से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरेंगे. नवाब मलिक को एनसीपी से एबी फॉर्म (AB form) मिला है. वह आज दोपहर 3 बजे मानखुर्द शिवाजीनगर सीट से अपना आवेदन भरने जा रहे हैं.
नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन आखिरी वक्त पर मलिक को टिकट मिल गया. इसलिए यह समझ में नहीं आ रहा है कि अजित दादा ने बीजेपी के विरोध को नकारते हुए मलिक को उम्मीदवार बनाया या दादा विरोध को खत्म करने में सफल रहे. दिलचस्प बात यह है कि उनकी लेक सना मलिक मलिक की पारंपरिक अणुशक्तिनगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. इसलिए मुंबई से एक ही चुनाव में बाप-लेक अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से विधानसभा का सामना करते नजर आएंगे.
मुंबई की मानखुर्द शिवाजीनगर सीट पर मौजूदा विधायक अबू आजमी ने महाविकास अघाड़ी की सहयोगी समाजवादी पार्टी के लिए आवेदन दाखिल किया है. जबकि राकांपा के नवाब मलिक भी इस निर्वाचन क्षेत्र से इच्छुक थे, राकांपा नेतृत्व उनसे पार्टी चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ने का आग्रह कर रहा था. हालांकि, मलिक चुनाव लड़ने पर अड़े रहे.
मलिक का शक्ति प्रदर्शन
आज सुबह नवाब मलिक ने शक्ति का भव्य प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली। फिलहाल एनसीपी की ओर से यह साफ नहीं है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या नहीं. यहां तक कि जब मीडिया ने उनसे बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने मुस्कुराते हुए हाथ जोड़ लिए और कहा कि 'चुप्पी से ही सारा फर्क पड़ता है।' महायुति ने इस सीट के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. इसलिए, इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति थी कि क्या मलिक महा उटी से लड़ेंगे, या महा उती बिना पार्टी चिन्ह के लड़कर मलिक को 'अदृश्य' समर्थन देगी.
पांच बार विधायक रहे
नवाब मलिक एनसीपी के टिकट पर मुंबई के अणुशक्तिनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं. मलिक पांच बार विधायक रह चुके हैं. वह 1996, 1999 और 2004 में तीन बार नेहरूनगर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए हैं. 2009 में वह अणुशक्तिनगर के विधायक बने। 2019 में, वह फिर से उसी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने. वह एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं.
दाऊद से संबंधों का आरोप
नवाब मलिक को ईडी ने 23 फरवरी 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में गिरफ्तार किया था. उन पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने का भी आरोप लगा था. उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने मलिक पर दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी से मौजूदा बाजार मूल्य से कम कीमत पर संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया था. एक साल और पांच महीने जेल में बिताने के बाद, नवाब मलिक को अगस्त 2023 में जमानत पर रिहा कर दिया गया.इस समय अजित पवार ने महागठबन्धन सरकार में भाग लिया. जेल जाने से पहले महाविकास अघाड़ी में रहे नवाब मलिक का रुझान सामने आने के बाद अजित पवार सामने आए. अजित दादा के एनसीपी विधान सभा कार्यालय में मलिक की मौजूदगी पर सवाल खड़े हो गए. फड़णवीस के विरोध के बावजूद मलिक को टिकट मिलने से राजनीतिक गलियारों में कानाफूसी शुरू हो गई है.
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Tue, Oct 29 , 2024, 03:16 PM