नासिक: मराठवाड़ा की जीवन रेखा (lifeline of Marathwada) जायकवाड़ी 70 फीसदी भर गई है. बांध (dam Jayakwadi) में पानी की आवक लगातार बनी हुई है. इस वर्ष बांध में अपेक्षित जल संग्रहण हो चुका है. इसलिए इस साल नासिक और नगर से अतिरिक्त पानी छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बारिश, जो चालू माह की शुरुआत में पूरे जोरों पर थी, बीच की अवधि में 10 दिनों तक कम हो गई थी. लेकिन पिछले आठ दिनों से नासिक जिले में भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. इससे बांधों में जल भंडारण (water storage) बढ़ गया. गंगापुर, दरना, भावली, पालखेड, करंजवन सहित 18 बांधों से इसका निर्वहन होता है और यह आज भी जारी है. इसके अलावा शहरी जिले के बांधों से भी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया. नासिक और नगर जिलों से छोड़े गए पानी के कारण जायकवाड़ी बांध 70 प्रतिशत भर गया है.
नासिक जिले से नांदूर मध्यमेश्वर (Nandur Madhyameshwar) के रास्ते 36 हजार 119 दलघफू यानी 36.119 टीएमसी पानी छोड़ा गया. साथ ही नगर जिले के बांध से करीब 22 हजार दलघफू (22 टीएमसी) पानी छोड़ा गया. जयकवाड़ी में औसतन 58 टीएमसी पानी पहुंचा. इसलिए जायकवाड़ी का जल स्तर 70 फीसदी तक पहुंच गया है. दोनों जिलों के बांधों से अभी भी पानी छोड़ा जा रहा है. इससे जायकवाड़ी का जल स्तर और अधिक बढ़ाने में मदद मिलेगी.
इस वर्ष विवादों से बचना होगा
नासिक और नगर जिलों में आठ दिनों से भारी बारिश हो रही है. दोनों जिलों के बांधों से पानी छोड़े जाने से जायकवाड़ी का भंडार करीब 50 फीसदी बढ़ गया है. न्यायसंगत जल वितरण के अनुसार जायकवाड़ी में 65 प्रतिशत जल भण्डारण होना आवश्यक है. वर्तमान में बांध में 70 प्रतिशत स्टॉक उपलब्ध है. इसलिए इस साल पानी को लेकर नासिक-नगर बनाम मराठवाड़ा विवाद टाला जाएगा.
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Fri, Aug 30 , 2024, 11:48 AM