Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्रिकेट मैचों के लिए पुलिस सुरक्षा शुल्क कम करने पर सरकार से किया सवाल!

Thu, Aug 29 , 2024, 10:02 AM

Source : Uni India

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने वर्ष 2011 से राज्य में आयोजित टी-20, एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट मैचों (T20, ODI and Test cricket matches) के दौरान प्रदान की जाने वाली पुलिस सुरक्षा के शुल्क को कम करने और मैच के आयोजकों पर बकाया राशि माफ करने के फैसले पर गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government)को कड़ी फटकार लगाई।

मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय (Justice Devendra Kumar Upadhyay) और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने नाराजगी जताते हुए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को सूचना का अधिकार कार्यकर्ता की याचिका पर दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया। याचिका में दावा किया गया है कि 26 जून, 2023 के सरकारी प्रस्ताव के अनुसार पुलिस सुरक्षा शुल्क ने कम कर दिया गया। इससे मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) और अन्य संगठनों को फायदा हुआ, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को नुकसान हुआ तथा यह अवैध है।


न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया राज्य सरकार द्वारा टेस्ट क्रिकेट मैचों के लिए प्रदान की जाने वाली पुलिस सुरक्षा की फीस कम करने का कोई औचित्य नहीं है।
पीठ ने राज्य सरकार से सवाल किया, “आप मलिन बस्तियों के लिए जल शुल्क बढ़ाते रहते हैं और इसके (police security for cricket matches शुल्क कम करते रहते हैं? बीसीसीआई विश्व स्तर पर भी सबसे अमीर क्रिकेट संघ है। इस तरह वे अमीर बन गये हैं?”

अदालत आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, मुंबई में टी-20 और वनडे क्रिकेट के लिए प्रति मैच 66 लाख रुपये और टेस्ट क्रिकेट के लिए 55 लाख रुपये पुलिस सुरक्षा शुल्क लिया जाएगा। नागपुर, पुणे और नवी मुंबई में हुए टी-20 और वनडे मैचों के लिए 44 लाख रुपये फीस थी। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि 12 नवंबर, 2018 के सरकारी प्रस्ताव के अनुसार मुंबई में टी-20, वनडे और टेस्ट मैचों के लिए पुलिस सुरक्षा शुल्क 60 लाख रुपये था। नागपुर, पुणे और नवी मुंबई में होने वाले टी-20 और वनडे मैचों के लिए फीस 50 लाख रुपये थी, जबकि टेस्ट मैचों के लिए यह 40 लाख रुपये थी।

गलगली के अनुसार आयोजकों ने उस शुल्क का भुगतान नहीं किया है जो उन्हें दो सरकारी प्रस्तावों के तहत तय की गई दरों के अनुसार भुगतान करना था, और अकेले एमसीए से 9.5 प्रतिशत ब्याज के साथ बकाया के रूप में 14.82 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की जानी है, लेकिन बजाय वसूली करने के सरकार ने जून 2023 जीआर जारी किया है, जिसके तहत दरों को संशोधित किया गया और काफी हद तक कम किया गया।

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