मनपा को झोपड़ पट्टी से कचरा उठाने नहीं मिल रहा ठेकेदार

Fri, Mar 29, 2024, 05:32

Source : Hamara Mahanagar Desk

तीसरी बार बढ़ाना पड़ा टेंडर भरने की तारीख
मुंबई।
मनपा प्रशासन ने झोपड़ पट्टी से कचरा उठाने के लिए एक ठेकेदार को नियुक्त करने का निर्णय लिया था। ठेकेदार पर झोपड़ पट्टी की सफ़ाई (slum clearance) करने से लेकर कचरा डंपिंग ग्राउंड (dumping ground) तक ले जाने की जिम्मेदारी उसी पर रहेगी इस तरह का निर्णय लिया गया था। मनपा ने चुनाव आचार संहिता लगने के पूर्व  1400 करोड़ का टेंडर निकाला। यह टेंडर चार साल के लिए निकाला गया था।मनपा के इस निर्णय का सफ़ाई कर्मचारी यूनियन विरोध कर रही है। यूनियन का  विरोध तो दूर की बात मनपा को ठेकेदार भी नहीं मिल रहा है । मनपा को तीसरी बार टेंडर की तारीख बढ़ानी पड़ी है। मनपा ने अब 3 अप्रैल की तारीख बढ़ाई है ठेकेदारों को निविदा भरने की। तीसरी बार भी कोई ठेकेदार टेंडर नही भरा तो मनपा को टेंडर रद्द (Municipal corporation tender canceled) करना पड़ेगा।

बता दे कि आदर्श आचार संहिता  लागू होने से कुछ दिन पहले मनपा ने  मुंबई के झुग्गी-झोपड़ियों की व्यापक सफाई के लिए एकमात्र एजेंसी को नियुक्त करने के उद्देश्य से 1400 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया। मनपा के  टेंडर अनुसार  7 मार्च  तक टेंडर भरा जाना था।लेकिन कोई ठेकेदार आगे नही आया । मनपा ने 16 मार्च तक समय सीमा बढ़ाई ।प्रारंभिक समय सीमा के बाद भी कोई ठेकेदार  आगे नही आया इसके बाद मनपा ने  16 मार्च और अब  26 मार्च को समय सीमा बढ़ाई जिसकी अंतिम तारीख 3 अप्रैल है।  संभावित बोलीदाताओं के लिए 13 करोड़ रुपये की भारी बयाना राशि (ईएमडी) की आवश्यकता को एक बाधा के रूप में  माना जा रहा है।इसी के चलते कोई ठेकेदार आगे नही आया। एक बोलीदाता जिसने शुरू में रुचि व्यक्त की थी, वह भी अब पीछे हट गया है। योजना के बारे में बताते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, चूंकि शहर की एक बड़ी आबादी झुग्गी-झोपड़ियों में रहती है, इसलिए यह आवश्यक पाया गया कि इन क्षेत्रों से कचरा ठीक से एकत्र किया जाए और उसका निपटान किया जाए। अधिकारी ने कहा, "नियुक्त एजेंसी से उम्मीद की जाती है कि वह झुग्गी-झोपड़ियों की पूरी सफाई पर ध्यान दे, न कि केवल घर-घर से कचरा इकट्ठा करे। इसी के चलते एक  ठेकेदार को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया जिससे ठेकेदार पर ज़िम्मेदारी डाली जा सके। झोपड़ पट्टी से कचरा की सफ़ाई ठीक से नहीं होना मनपा का स्वच्छता में रैंकिंग गिरना भी माना जा रहा है। इस साल की शुरुआत में 11 जनवरी को घोषित स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के नवीनतम परिणामों ने मुंबई की स्वच्छता रैंकिंग में गिरावट हुई थी। मुंबई  12 मिलियन से अधिक की अनुमानित आबादी वाला यह शहर दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में 31वें स्थान से 37वें स्थान पर खिसक गया था। मनपा के एक ठेकेदार की नियुक्ति के निर्णय का सफ़ाई कर्मचारी यूनियन ने विरोध कर रही है। यूनियन ने कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था । कोर्ट से राहत नहीं मिली लेकिन कोर्ट ने यह जरूर कहा की स्वंय सेवी संस्था की 30 से 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होना जरूरी है। सफ़ाई कर्मचारी यूनियन (sweeper union) की ओर से आरोप लगा कि इतनी बड़ी राशि का यह टेंडर सिर्फ़ एक बोलीदाता को फ़ायदा पहुँचाने के लिए जारी किया गया है।

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