दोबारा लगाए गए पेड़ नहीं बच रहे जिंदा
मुंबई। एक तरफ पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ ऐसा संदेश दिया जाता है। पेड़ लगाकर पर्यावरण की रक्षा (Protecting the environment by planting trees) करने का अब सवाल उठाया जा रहा है। विभिन्न परियोजनाओं और विकास कार्यों के लिए पिछले दस वर्षों में 17,000 से अधिक पेड़ काटे (cut 17 thousand trees) गए हैं। चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि चार हजार से ज्यादा पेड़ जो कि पुनर्रोपित किए थे वह भी मर गए है।जिससे पुनर्रोपित के नाम पर पेड़ो को काटने की संख्या घटाई जाती है लेकिन पेड़ बचते। वॉच डॉग फाउंडेशन (Watch Dog Foundation) के संस्थापक गॉडफ्रे पिमेंटा ने पिछले दस वर्षों में पेड़ों की पुनर्रोपण और पेड़ों की कटाई सहित विभिन्न जानकारी सूचना के अधिकार में मांगी थी । मनपा वृक्ष प्राधिकरण की बैठकों में बिल्डरों की आवासीय परियोजनाओं के साथ-साथ मनपा सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों के परियोजनाओं में बाधा बनने वाले पेड़ों को काटने के प्रस्ताव लाकर पेड़ो के काटनेकी मंजूरी दी जाती है । इस दौरान कुछ पेड़ो को काटा नहीं जाता उन्हें दुसरे स्थान पर पुनर्रोपित किया जाता है। परियोजनाओं को देखकर पेड़ो को काटने की अनुमति दी जाती है। पिछले दस सालो में 17 हजार 50 पेड़ काटे गए हैं जो की विभिन्न परियोजनाओं में बाधा बन रहे हैं। मनपा के पश्चिम वार्ड अंधेरी पश्चिम में सबसे अधिक 2,083 पेड़ काटे गए है। जबकि एन वार्ड घाटकोपर में 1 हजार 928 पेड़ काटे गए हैं और जी साउथ वार्ड में भी 1 हजार 849 पेड़ काटे गए हैं। इतनी बड़ी मात्रा में पेड़ो के काटे जाने से मुंबई में पर्यावरण पर इसका प्रभाव पड़ने का आरोप लगाया है। दस सालों में14 हजार 434 वृक्षों को पुनर्रोपित किया गया है लेकिन पुनर्रोपित किए गए अधिकांश पेड़ मृत हो जाते है। जिससे इन पेड़ो को काटने में गिनती न कर एक तरह से पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। पेड़ो को काटने की संख्या के अनुसार जितने पेड़ो को काटा जाता है उससे अनिवार्य है लेकिन वह पेड़ कहा लगाए गए इसकी कोई जानकरी नहीं मुंबई के बाहर पेड़ लगाने का मुंबई को कोई फायदा नहीं मिलता जिससे मुंबई में पर्यावरण का बदलाव दिखाई दे रहा है।
मनपा ने पर्यावरण को समतोल (balance the environment) बनाए रखने के लिए और मुंबई को हरा भरा बनाए रखने के लिए जापानी शैली के मियावाकी पेड़ लगाने का निणर्य लिया । पिछले तीन-चार सालो में 3 लाख 84 हजार 700 मियावाकी और 36 हजार 973 सामान्य प्रजाति के पेड़ पेड़ लगाए गए । मियावाकी पेड़ो को दोबारा पुनर्रोपित करने का प्रमाण नहीं है। मियावाकी पेड़ कितने साल जीवित रहते है इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं होने से इनके जीवित रहने का कोई प्रमाण नहीं होने से पेड़ कितने साल जीवित रहते है इस पर सवालिया निशान खड़ा किया जा रहा है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Fri, Mar 22 , 2024, 06:50 AM