Devendra Fadnavis : तर्पण ऑर्फन रिसर्च अँड डेव्हलपमेंट अकॅडेमी  का  देवेंद्र फडणवीस ने किया उद्घाटन 

Wed, Mar 20 , 2024, 07:41 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

 एकेडमी के माध्यम से अनाथ  बच्चों का  जीवन होगा  रोशन - देवेंद्र फडणवीस
 अनाथ बच्चों के जीवन को उज्जवल बनाने के लिए  पूरे देश में अपना काम शुरू करने का हमारा इरादा है - श्रीकांत भारतीय
मुंबई।
राज्य  सहित पूरे देश में अनेक सामाजिक संस्था  है जो अनाथ बच्चों के लिए काम करती है लेकिन प्रदेश में एक ऐसी संस्था है जो अनाथ से बाहर आने वाले 18 वर्षीय बच्चों  के उज्जवल भविष्य के लिए  काम करती है.भाजपा  विधान परिषद सदस्य श्रीकांत भारतीय (Srikanth Bhartiya) ने पिछले चार साल पहले तर्पण फाउंडेशन संस्था की नींव रखी थी.जो मौजूदा समय में एक वट वृक्ष बन चुका है.श्रीकांत भारतीय की अध्यक्षता में चलने वाली तर्पण फाउंडेशन संस्था अनाथालय से निकलने वाले बच्चों के लिए काम कर रही है। अनाथ आश्रम से निकलने के बाद  इन अनाथ बच्चों की पढ़ाई का खर्च, रोजगार, रहने की व्यवस्था और उन्हें समय-समय पर अच्छे संस्कार देने का ख्याल रखता है। तर्पण फाउंडेशन के माध्यम से अनाथ बच्चों पर रिसर्च करने के लिए तर्पण ऑर्फन रिसर्च अँड डेव्हलपमेंट अकॅडमी का बुधवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने उद्घाटन किया।  फड़णवीस ने कहा कि अनाथ बच्चों के क्षेत्र में, खासकर जब वे 18 साल के बाद अनाथालय छोड़ देते हैं, तो उनके भावी जीवन में अनाथ बच्चों के सामने कई चुनौतियां, कई सवाल खड़े हो जाते हैं। उन प्रश्नचिह्न और समस्याओं को हटाकर उनके जीवन में प्रकाश लाने का काम तर्पण फाउंडेशन कर रहा है। हमने अपनी सरकार के माध्यम से अनाथ बच्चों को 1% आरक्षण दिया है और अब तर्पण फाउंडेशन द्वारा जो रिसर्च सेंटर शुरू किया गया है, तर्पण फाउंडेशन जो अनाथ बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था है वह इस क्षेत्र में बुनियादी रिसर्च करेगा और इस फाउंडेशन के माध्यम से इस क्षेत्र में नई नीतियां बनाने में  मदद करेगा और अनाथ बच्चों के जीवन को नई दिशा देने का महत्वपूर्ण कार्य इसके माध्यम से किया जाएगा।
अनाथ बच्चों को सशक्त बनाने के लिए कर रहे है काम- श्रीकांत भारतीय  
 फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रीकांत भारतीय ने कहा कि तर्पण फाउंडेशन एक एनजीओ संगठन है। यह एक ऐसी संस्था है जो अनाथालयों से बाहर आने वाले अनाथ बच्चों के लिए काम करती है, उन्हें सशक्त बनाती है और उनमें जीवन की सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति पैदा करती है। हम पिछले चार वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। एक लड़का 18 वर्ष की आयु तक बाल गृह में रहता है। लेकिन 18 साल बाद उन्हें अनाथालय छोड़ना पड़ता है, तो उनकी आनेवाली जिंदगी के बारे में उनके मन में कई सवाल होते है। ऐसे कई संगठन हैं जो 18 वर्ष तक की उम्र के अनाथ बच्चों के लिए काम करते हैं और उन्हें सुविधाएं प्रदान करते हैं।  इतना ही नहीं सरकार के माध्यम से अनाथ बच्चों के जीवन-यापन और शिक्षा पर भी खर्च करते हैं। लेकिन जब बच्चे अनाथालय से बाहर आते हैं, तो दुर्भाग्य से ऐसा कोई संगठन नहीं है जो संगठित तरीके से, डेटा आधारित रिसर्च के साथ और एक विजन को सामने रखकर काम करता हो। ऐसे बच्चों का एक समुदाय है जो 18 साल बाद अनाथालय से बाहर आते हैं। इसका अध्ययन किसी ने नहीं किया है।  पिछले चार सालों से हम 18 साल बाद अनाथालयों से बाहर आने वाले बच्चों के साथ काम कर रहे हैं। हमने 1261 बच्चों को गोद लिया है। हमने इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च, रोजगार, आवास की व्यवस्था की है और समय-समय पर इन बच्चों पर उचित संस्कार देने की व्यवस्था भी की है।
 भारतीय ने  कहा कि तर्पण के माध्यम से हम चार साल से अनाथ बच्चों के लिए काम कर रहे हैं।  उससे हमें एहसास हुआ कि अनाथ बच्चों पर कभी किसी ने किसी तरह का रिसर्च नहीं किया है।  इसलिए आज हमने माननीय उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस जी के हाथों तर्पण फाउंडेशन का उद्घाटन किया। जब देवेन्द्र फडणवीस  मुख्यमंत्री थे तब प्रस्ताव आया था। उस समय यह अहसास हुआ कि अनाथालय से निकले बच्चे की कोई जाति व धर्म नहीं होता। तो फिर वह खुले वर्ग का या फिर शेड्यूल्ड कास्ट कैसे होगा। इसलिए हमने समानांतर आरक्षण के दायरे में अनाथ बच्चों के आरक्षण पर जोर दिया और इसके लिए 1% समांतर आरक्षण का निर्णय तब लिया गया जब देवेन्द्र जी मुख्यमंत्री (Chief Minister) थे। ऐसे कई अनाथ बच्चों को इसका लाभ मिला है।  इस फैसले के चलते तर्पण फाउंडेशन द्वारा गोद लिए गए पांच बच्चे पुलिस इंस्पेक्टर बन रहे हैं. एक लड़का आरएफओ बन गया है। एक लड़की लंदन गयी है।  एक लड़का एमबीबीएस कर रहा है। 38 लड़के कांस्टेबल बन गए हैं और कई लड़कियां नर्सिंग का कोर्स कर रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अनाथ बच्चों के मुद्दे के जरिए तर्पण से जुड़ी हैं। उन्होंने तर्पण फाउंडेशन के माध्यम से देशभर में काम करने की अपील की है।  महाराष्ट्र में हमने रिसर्च के जरिए अनाथ बच्चों के लिए जो काम शुरू किया है। हम उस काम को केंद्र सरकार के माध्यम से पूरे देश में ले जाने वाले हैं। हम तर्पण के माध्यम से देशभर के अनाथालयों से निकलने वाले 18 वर्ष से अधिक उम्र के लड़के-लड़कियों के जीवन में रोशनी लाने का प्रयास करने जा रहे हैं। 

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