महानगर संवाददाता
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के राष्ट्रीय महासचिव और अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद जलालुद्दीन (Syed Jalaluddin) ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के क्रियान्वयन से देश के मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई समुदाय के पीड़ित आते हैं और भारत उन्हें नागरिकता देता है तो इससे देश के मुसलमानों का क्या नुकसान है? सैयद जलालुद्दीन (Syed Jalaluddin) ने कहा कि कुछ मुस्लिम संगठन और नेता सीएए के खिलाफ प्रेस बयान जारी करके ध्रुवीकरण की राजनीति को हवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि संगठनों के नेताओं की ओर से जारी बयान में कहीं भी यह जिक्र नहीं किया गया है कि सीएए से देश के मुसलमानों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों से आने वाले नागरिकों को भारतीय नागरिकता देना कोई नई बात नहीं है, बल्कि पहले भी नागरिकता दी गई है और मोदी सरकार में भी गैर मुस्लिमों को ही नहीं, बल्कि मुसलमानों को भी नागरिकता दी गई है। कुछ कौमी तंज़ीमों की ओर से जारी बयान में एक तरफ कहा जा रहा है कि सीएए को आम चुनाव से पहले जानबूझकर लागू किया गया है तो दूसरी तरफ अपने विरोध से इस प्रक्रिया के ज़रिए ध्रुवीकरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये वही संगठन हैं जिन्होंने शाहबानो के मामले में बड़ी गलती की और पहली बार हिंदू ध्रुवीकरण का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि हमारी क़ौमी तंज़ीमें महत्वपूर्ण हैं और बड़ी हैं, लेकिन उनके रहनुमाओं में राजनीतिक सूझ बूझ की कमी दिखती है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की समस्याओं पर मूकदर्शक बने रहने वाले नाम निहाद सेक्युलर विपक्षी दल (Nihad secular opposition party) देश के मुसलमानों को विपक्ष के तौर पर पेश करने पर आमादा हैं और उन्हें न केवल हिंदुओं का बल्कि सिख, जैन, पारसी, ईसाई और बौद्ध जैसी क़ौमो का भी दुश्मन बनाने पर आमादा हैं।
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Fri, Mar 15 , 2024, 08:46 AM