Women Health Tips: वर्तमान समय में कैंसर की दर (rate of cancer) बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर(cervical cancer), गर्भाशय कैंसर(uterine cancer), एंडोमेट्रियल(endometrial), वुल्वर कैंसर (vulvar cancer) जैसे कैंसर की संख्या बढ़ रही है। समय पर इलाज कराना जरूरी है। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो इस बीमारी की दर बढ़ जाती है।
इस संदर्भ में बोलते हुए डाक्टरों का कहना है कि "डिम्बग्रंथि कैंसर तब होता है जब किसी महिला के गर्भाशय में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है। इनमें से कुछ कैंसर विरासत में मिलते हैं। स्तन, एंडोमेट्रियल और डिम्बग्रंथि कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाली महिलाओं को समय-समय पर अपने डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।"
महिलाओं में कैंसर कितने और कौन से प्रकार के होते हैं?
स्त्री रोग संबंधी कैंसर (Gynecological cancer) एक महिला की प्रजनन प्रणाली और जननांगों में विकसित होता है। इनमें योनि, गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय के कैंसर शामिल हैं। बढ़ती उम्र के साथ स्त्री रोग संबंधी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। स्त्री रोग संबंधी कैंसर विभिन्न प्रकार के होते हैं जिनके बारे में महिलाओं को जागरूक होने की आवश्यकता होती है।
सर्वाइकल कैंसर: सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होने वाला कैंसर है। प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग विधियाँ उपलब्ध हैं। इस कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है जो इस कैंसर से बचाती है।
एंडोमेट्रियल: एंडोमेट्रियल कैंसर तब होता है जब एंडोमेट्रियल परत में कैंसर कोशिकाएं बढ़ती हैं। जब महिलाएं भारी रक्तस्राव की शिकायत करती हैं, तो यह कभी-कभी प्रीकैंसर का संकेत हो सकता है। रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद किसी भी प्रकार का रक्तस्राव खतरे की घंटी बजाना चाहिए। यह गर्भाशय की परत में विकसित होता है और अक्सर महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद इसका निदान किया जाता है।
वुल्वर कैंसर: वुल्वर कैंसर जननांगों को प्रभावित करता है, खासकर अधिक उम्र में। यदि आपको लगातार खुजली या नीचे की त्वचा में कोई नया बदलाव महसूस हो तो चिकित्सकीय सहायता लेना न भूलें।
25-45 वर्ष की महिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। एक और चिंताजनक पहलू सभी उम्र की महिलाओं में डिम्बग्रंथि कैंसर की बढ़ती घटना है। इसमें आपका रहन-सहन, आपका खान-पान, जीवनशैली तो अहम है ही लेकिन साथ ही आनुवांशिकी, मोटापा, धूम्रपान और बढ़ती उम्र भी इसके पीछे प्रमुख कारण हैं। इसमें डॉ. द्वारा महिलाओं को कैंसर के लक्षणों के बारे में जानकारी देना तथा नियमित जांच कराना, समय पर निदान व इलाज के लिए जनजागरूकता लाना लाभदायक है। तेजल गोरासिया (स्तन एवं स्त्री रोग ओन्को सर्जन, ओन्को लाइफ कैंसर सेंटर, चिपलून) कहते हैं।
'ऐसे' कैंसर से बचा जा सकता है
25-55 वर्ष की महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी कैंसर का समय पर निदान, उपचार और रोकथाम आवश्यक है। कैंसर महिला प्रजनन प्रणाली को भी प्रभावित करता है। पैप स्मीयर और पेल्विक परीक्षण जैसे परीक्षण कैंसर का शीघ्र निदान करने में मदद कर सकते हैं। जिससे कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। इसका इलाज कैंसर के प्रकार के अनुसार किया जाता है। सर्जरी, कीमोथेरेपी, विकिरण थेरेपी को प्रत्येक रोगी के लिए तैयार किया जा सकता है। नियमित व्यायाम सहित स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, फलों और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार खाने, शराब का सेवन सीमित करने और तंबाकू उत्पादों से परहेज करने से इस प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
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Thu, Mar 07 , 2024, 03:55 AM