Digital Dementia: क्या आपके बच्चे भी 'डिजिटल डिमेंशिया' से पीड़ित हैं? समय रहते सावधान हो जाओ, ऐसे छुड़ाएं आदत 

Wed, Feb 14 , 2024, 03:13 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Digital Dementia: आपने डिमेंशिया (Dementia) के बारे में तो सुना होगा, लेकिन क्या आपने डिजिटल डिमेंशिया (Digital Dementia) के बारे में सुना है? आजकल हममें से हर किसी की जिंदगी गैजेट्स के इर्द-गिर्द (around gadgets) घूमने लगी है। हम अपना अधिकांश दिन स्क्रीन पर बिताते हैं। खासकर स्मार्टफोन (smartphones) आने के बाद स्क्रीन टाइमिंग (Screen time) काफी बढ़ गई है। लोग घंटों लैपटॉप, टीवी और स्मार्टफोन स्क्रीन (TV and smartphone screens) पर बिताते हैं। वयस्कों और युवाओं के बीच स्क्रीन टाइम बढ़ा है, लेकिन बच्चों के बीच स्क्रीन टाइम की मात्रा भी बढ़ी है। कई बच्चों को फोन की लत लग जाती है। खासकर कोरोना और लॉकडाउन (Corona and lockdown) के बाद सभी का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। देखा जा सकता है कि इसका असर सेहत पर भी पड़ता है। इससे बच्चों में डिजिटल डिमेंशिया बीमारी का खतरा बढ़ गया है। आइए विस्तार से जानते हैं...

डिजिटल डिमेंशिया कितना खतरनाक है? (डिजिटल डिमेंशिया कितना खतरनाक है?)
डॉक्टरों के मुताबिक कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन और इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से दिमाग की कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है, इसे डिजिटल डिमेंशिया कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि यदि आप स्क्रीन पर बहुत अधिक समय बिताते हैं, तो एक ही समय में कई छवियां, वीडियो, ऐप्स आपके मस्तिष्क पर हमला करते हैं। इसलिए दिमाग के लिए सब कुछ याद रखना संभव नहीं है। मन हमेशा भ्रमित रहता है.

डिजिटल डिमेंशिया के लक्षण
बातें भूल जाना
एकाग्रता की हानि
बातें याद न रहना
मुश्किल से ध्यान दे
प्रदर्शन का अभाव

बच्चों को डिजिटल डिमेंशिया से कैसे बचाएं?

  • बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करें।  उन्हें दो घंटे से ज्यादा स्क्रीन न देखने दें। उन्हें खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। 
  • डिजिटल गैजेट्स पर ज्यादा समय न बिताएं।
  • बच्चों को आउटडोर गेम्स का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करें और साथ ही घर पर बैठे रहने वाले खेल भी सिखाएं
  • बच्चों को नई भाषा, नृत्य, संगीत, कराटे जैसी कक्षाओं में भेजें। 
  • जब बच्चे स्क्रीन देखने में बहुत अधिक समय बिताते हैं, तो उनमें मोटापे जैसी समस्याएं विकसित होने लगती हैं। इसलिए उनकी शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं। 
  • बच्चे अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखते हैं। ऐसे समय में उन्हें किताब पढ़ने की आदत डालें।
  • बच्चों को पज़ल गेम खिलाएं, नंबर गेम उनके दिमाग के लिए अच्छे होते हैं। इससे उनके दिमाग का विकास होता है और उनकी याददाश्त क्षमता भी बढ़ती है।  

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