Worship of Goddess Saraswati: वसंत पंचमी (Vasant Panchami) माघ महीने (Magh month) की पंचमी के दिन मनाई जाती है। वसंत और वसंत पंचमी का महत्व भी अलग-अलग है। पंचमी तिथि 14 फरवरी को है और यह पवित्र त्योहार देवी सरस्वती की पूजा (worship of Goddess Saraswati) को समर्पित है। वसंती पंचमी के दिन देवी सरस्वती (Goddess Saraswati) धरती पर अवतरित हुई थीं। माघ माह की पंचमी को सरस्वती के नाम पर मनाया जाता है। इस पंचमी को वसंत पंचमी कहा जाता है क्योंकि इस समय वसंत ऋतु भी खिलती है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में वसंत पंचमी मनाने की कई परंपराएं हैं। ज्ञान प्राप्ति में कोई परेशानी न हो, इसके लिए वसंती पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। इस पूजा को करने का शुभ फल प्राप्त करने के लिए इस दिन कुछ विशेष कार्य बताए गए हैं।
वसंत पंचमी पर कैसे करें पूजा?
वसंत पंचमी पर माता-पिता को बच्चों के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
ऐसा माना जाता है कि इसी दिन सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन 'ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः' इस मंत्र का जाप करें। इस दिन नोटबुक, किताबें, पेन की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस पूजा से याददाश्त बढ़ती है।
सरस्वती की पूजा में केसर और पीले फूलों का प्रयोग किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन वस्तुओं का प्रयोग गुरु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
इससे ज्ञान और धन में वृद्धि होती है। वसंत पंचमी पूजा में बूंदी का प्रसाद चढ़ाने का विधान है। वसंत पंचमी को विद्या आरंभ करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। वसंत पंचमी के दिन श्री सरस्वती देवी पूजन सभी विद्यार्थियों को करना चाहिए। माता-पिता को बच्चे की जीभ पर सोने की छड़ी या शहद में डूबी उंगली से ऐं का उच्चारण करना चाहिए। साथ ही विद्यार्थियों को आठ मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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Tue, Feb 13 , 2024, 11:38 AM