Healthy Tips : कुछ कारक चयापचय दर (metabolic rate) को कम कर देते हैं, जिससे कैलोरी (calories) अधिक धीमी गति से जलती है और यही कारण है कि बहुत अधिक कैलोरी का सेवन (consuming too many calories) करने से आपको दूसरों की तुलना में वजन बढ़ने का अधिक (gaining weight) खतरा होता है।
शरीर को दैनिक गतिविधियों (daily activities) के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो भोजन के माध्यम से प्रदान की जाती है। इस ऊर्जा की मदद से हमारे शरीर के सभी अंग अपना काम बेहतर ढंग से कर पाते हैं। आपका शरीर भोजन से कैलोरी जलाकर ऊर्जा जारी करता है। इस रासायनिक प्रतिक्रिया (chemical reaction) को चयापचय कहा जाता है और जिस दर पर यह प्रक्रिया होती है उसे चयापचय दर कहा जाता है। चयापचय दर उम्र, लिंग, शरीर संरचना, चिकित्सा स्थितियों और जीवनशैली सहित कई कारकों पर निर्भर करती है।
इसलिए, मेटाबॉलिज्म को तेज करना आपके वजन घटाने की यात्रा में बहुत मददगार हो सकता है। हालांकि, इसके साथ ही कई अन्य बातों का भी ध्यान रखने की जरूरत है। मेटाबॉलिज्म पर उम्र और लिंग जैसे कारकों के प्रभाव को बदला नहीं जा सकता है, लेकिन आप अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके इसे तेज जरूर कर सकते हैं।
कम खाना या कम कैलोरी वाला खाना खाने से शरीर को कम ऊर्जा मिलती है। यह कैलोरी बचाने के लिए चयापचय दर को कम करता है। कई बार लोग वजन कम करने के लिए कैलोरी का सेवन कम कर देते हैं, जिससे मेटाबॉलिक रेट पर असर पड़ सकता है।
इसलिए अपने शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक कैलोरी की मात्रा बनाए रखें। स्वस्थ और संतुलित आहार लें।
गतिहीन जीवनशैली चयापचय को धीमा कर देती है। इसलिए हर दिन कुछ एरोबिक या कोई गहन व्यायाम करने से चयापचय पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मांसपेशियां बनाने वाले व्यायाम के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
इससे मेटाबॉलिक रेट बढ़ सकता है। व्यायाम करते समय याद रखें कि आपको बहुत अधिक तीव्र व्यायाम नहीं करना चाहिए, जिससे आपके शरीर को कोई नुकसान हो।
ग्रीन टी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसमें कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह शरीर की चर्बी को जलाने में भी मदद करता है। इसलिए रोजाना ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद मिलती है।
अत्यधिक तनाव नींद और खाने के पैटर्न को बाधित कर सकता है। तनाव की स्थिति में, शरीर कोर्टिसोल जारी करता है, जिससे खाने संबंधी विकार हो सकते हैं, जो चयापचय को प्रभावित करता है। इसलिए तनाव प्रबंधन पर ध्यान दें। योग, ध्यान, जर्नलिंग जैसे कई तरीके इसके लिए उपयोगी हो सकते हैं।
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Tue, Feb 06 , 2024, 03:28 AM