NCP Sharad Pawar: शरद पवार (Sharad Pawar) ने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान करते वक्त नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए सारे अधिकार इससे जुड़ी समिति को सौंप दिए हैं. समिति के एक सदस्य और एनसीपी के बड़े नेता छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने पहले ही यह बयान दे दिया है कि मुंबई में दादा और दिल्ली में दीदी बैठेंगी. यानी राज्य का कमान अजित पवार (Ajit Pawar) के हाथ और एनसीपी का राष्ट्रीय नेतृत्व सुप्रिया सुले (Supriya Sule) के हाथ आएगा. बाद में उन्होंने यह सफाई दी कि उनका यह बयान एनसीपी का आधिकारिक बयान नहीं था, बल्कि यह उनकी निजी राय है.
हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि सुप्रिया सुले एनसीपी अध्यक्ष बनती हैं तो अजित पवार इसे हजम कर पाएंगे? यह सवाल तब और भी ज्यादा अहम हो जाता है, जब मंगलवार को सबने यह साफ देखा कि शरद पवार ने जब पद छोड़ने का ऐलान किया और एनसीपी नेता-कार्यकर्ता जज्बाती होने लगे तो अजित पवार ने सुप्रिया सुले को अपनी राय रखने से भी यह कह कर मना कर दिया कि सुप्रिया तुम कुछ नहीं कहोगी.
अजित पवार ने सुप्रिया सुले से कहा कि तुम्हारा दादा होने के नाते मैं तुमसे कह रहा हूं. जो दादा अपनी बहन को सीधे इस तरह आदेश देते हैं, वो कभी उनके आदेश पर अमल करने पर बाध्य हो पाएंगे, लेकिन कई ऐसी वजहें हैं, जिनसे यह लगता है कि अजित पवार को सुप्रिया सुले के एनसीपी अध्यक्ष बनने पर कोई एतराज नहीं होगा.
अजित पवार को सुप्रिया सुले के NCP अध्यक्ष बनने से एतराज नहीं!
अजित पवार की इच्छा अब मुख्यमंत्री बनने की है. उन्होंने हाल ही में अपनी यह इच्छा एक इंटरव्यू में साफतौर पर जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि वे चार बार उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं. अब इस पद में उन्हें कोई रस नजर नहीं आता. मुख्यमंत्री बनने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से ज्यादा जरूरी पार्टी की स्टेट यूनिट पर पकड़ रखना है. इसलिए अजित पवार राज्य की कमान ही अपने हाथ में रखने का अरमान रख रहे हैं और उनके दिल की बात छगन भुजबल ने कह दी है.
अजित पवार चाहें भी तो उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना मुश्किल
अब अगर अजित पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने में दिलचस्पी नहीं है तो वे जरूर कोई ऐसा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हुए देखना चाहेंगे, जो उनकी बातों को स्वीकार करे न कि प्रतिकार करे. ऐसे में सुप्रिया सुले उन्हें दादा कहती हैं. बड़े भाई वे हैं भी और सुप्रिया सुले उनकी इज्जत भी उसी तरह से करती हैं. इसलिए भी अजित पवार को सुप्रिया सुले के एनसीपी अध्यक्ष बनने में एतराज लगने वाली कोई बात नजर नहीं आती है.
अगर अजित पवार चाहें भी तो उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना इसलिए भी मुश्किल है, क्योंकि उन्हें राजनीति का तो बहुत तजुर्बा है, लेकिन राष्ट्रीय पटल पर राजनीति का तजुर्बा और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से कनेक्ट सुप्रिया सुले का ज्यादा है, क्योंकि वे सांसद हैं. संसद में उठती-बैठती रही हैं. कुछ राष्ट्रीय स्तर की समितियों की सदस्य रह चुकी हैं. अजित पवार यहां पिछड़ जाते हैं.
सुप्रिया सुले के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने में एतराज होगा तो क्यों?
अगर यह मानें कि अजित पवार को सुप्रिया सुले के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से एतराज होगा तो उसकी वजह गिनी-चुनी है. सुप्रिया सुले के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही उनके पास पद होगा. पद होगा तो पार्टी में पकड़ भी मजबूत होने लगेगी. आगे चल कर सुप्रिया सुले को अपने कहे पर हामी भरवा लेना अजित पवार के लिए आसान नहीं होगा. सुप्रिया सुले को शरद पवार की बेटी होने का फायदा मिल सकता है.
प्रफुल्ल पटेल ने कहा- वह अध्यक्ष पद की रेस में नहीं
आने वाले कल में अगर कभी मतभेद बढ़ा तब सुप्रिया सुले आज के मुकाबले ज्यादा ताकतवर होंगी. परिवार का कोई सदस्य अजित पवार के सामने सिर आसानी से उठा सकता है. प्रफुल्ल पटेल जैसे परिवार के बाहर के किसी सदस्य के लिए यह आसान नहीं होगा, लेकिन प्रफुल्ल पटेल ने बुधवार को यह साफ कर दिया कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में नहीं हैं और न ही इसमें उन्हें कोई दिलचस्पी है.
हालांकि इन सारी बातों का कोई आधार नहीं है. ये सब अनुमान की बातें हैं. फिलहाल तो ऐसा लग रहा है कि अजित पवार ही सुप्रिया सुले का नाम सामने रखेंगे और उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवाने में शरद पवार का साथ देंगे और अपने लिए महाराष्ट्र की कमान मांग लेंगे.
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Thu, May 04 , 2023, 11:12 AM