केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट
जलयुक्त शिवार परियोजना को बड़ी सफलता
मुंबई। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने पहली बार देश भर के तालाबों, झीलों और अन्य जलाशयों की गणना की रिपोर्ट जारी है। इस रिपोर्ट में महाराष्ट्र (Maharashtra) ने टॉप पोजिशन हासिल की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने ट्वीट (Tweet) में यह जानकारी देते हुए इसे अभिमान का क्षण बताया है। उन्होंने लिखा कि आगे चलकर महाराष्ट्र में जल संकट सामने नहीं आए, इसके लिए राज्य की महायुति की सरकार कटिबद्ध है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने ट्वीट में लिखा है कि यह महाराष्ट्र के लिए यह अभिमान का क्षण है। जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी की गई जल संरक्षण की पहली गणना रिपोर्ट के मुताबिक जल संरक्षण की योजना को बड़े पैमाने पर और कामयाबी के साथ अमल में लाने के मामले में महाराष्ट्र पहले क्रमांक पर है। देश में सबसे ज्यादा जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को महाराष्ट्र ने लागू किया है। महाराष्ट्र में आगे चलकर पानी का संकट सामने नहीं आएगा, इसके लिए महायुति की सरकार कटिबद्ध है और इसके मुताबिक ही अलग-अलग योजनाओं को आकार दे रही है।
उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने इस सफलता का श्रेय जलयुक्त शिवार योजना को दिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने भारत के जलाशयों की गणना से जुड़ी पहली रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अपना महाराष्ट्र नंबर वन पर आया है। यह बताते हुए मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है। जलयुक्त शिवार योजना की वजह से यह संभव हो पाया है। जल संरक्षण योजनाओं के मामले में महाराष्ट्र अन्य राज्यों से आगे है।
जलाशयों की इस पहली जनगणना में महाराष्ट्र में कुल 97,062 जलाशयों की गणना की गई, जिनमें से 99.3 प्रतिशत यानी 96,343 जलाशय ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जबकि शेष 0.7 प्रतिशत यानी 719 जलाशय शहरी क्षेत्रों में हैं।महाराष्ट्र में 574 प्राकृतिक और 96,488 मानव निर्मित जलाशय हैं। इन 574 प्राकृतिक जलाशयों में से 98.4 प्रतिशत यानी 565 जलाशय ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और शेष 1.6 प्रतिशत यानी 9 जलाशय शहरी क्षेत्रों में हैं। इसके अलावा, 96,488 मानव निर्मित जलाशयों में से 99.3 प्रतिशत यानी 95,778 जलाशय ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जबकि शेष 0.7 प्रतिशत यानी 710 जलाशय शहरी क्षेत्रों में हैं। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अधिकांश मानव निर्मित जलाशयों के निर्माण की मूल लागत 5 से 10 लाख के बीच है। साल 2018-19 में यह गणना की गई थी। जिसकी रिपोर्ट अब आई है। ज्यादातर जल भंडारों को जल संरक्षण योजना के अंतर्गत लाया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस सम्मान को सामूहिक कामयाबी बताया है और इस काम को सफल बनाने के लिए महाराष्ट्र की जनता का आभार माना है। साथ ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने जलयुक्त शिवार 2.0 अभियान को भी सफल बनाने का आह्वान किया है।
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Wed, Apr 26 , 2023, 06:28 AM