राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने दी जानकारी
मुंबई। राज्य के नागरिकों को सस्ते दर पर रेती और बालू मिल सके इसके लिए अवैध बालू खनन पर रोक लगाने के लिए नवीन संशोधित बालू एवं रेती नीति की घोषणा की राज्य सरकार ने की है. जिसे आगामी एक मई महाराष्ट्र दिन पर राज्य में लागू किया जाएगा।
मंगलवार को राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटील (Radhakrishna Vikhe-Patil) की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथि गृह में उपायुक्त, संभागायुक्त, अपर समाहर्ता, कलेक्टर राजस्व कार्यालय की बैठक आयोजित की गई थी जिसमे वे बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि रेत खनन (sand mining) के अवैध व्यवसाय (illegal business) पर अंकुश लगाने को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है जिसे रोकने के लिए रेत नीति के तहत रेत का खनन, भंडारण और बिक्री ऑनलाइन प्रणाली से की जायेगी. राजस्व मंत्री ने कहा की रेती /बालू को आम आदमी के सामर्थ्य के हिसाब से उपलब्ध और रेत का अवैध परिवहन बंद किया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आने वाले एक मई को इस नीति को लागू करने में आ रही दिक्कतों को लेकर अध्ययन किया जाए। विखे पाटिल ने बाढ़ की स्थिति के जोखिम को कम करने के लिए जल संसाधन विभाग के सहयोग से नदी तल की दिशा को सीधा करने बालू को हटाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर ऐसे कार्य करने के निर्देश दिए।राजस्व मंत्री ने कहा कि नई रेत नीति में सरकार की मंशा अलग-अलग घरों के निर्माण के लिए एक निश्चित मात्रा में रेत उपलब्ध कराने और सामाजिक स्वास्थ्य को बनाए रखने की है.
संशोधित बालू, बालू नीति की विशेषताएं
इस नई नीति के अनुसार एक वर्ष के लिए प्रायोगिक आधार पर सभी नागरिकों को रेत की बिक्री दर निर्धारित की गई है। इस फैसले से आम आदमी को राहत मिलेगी और आवास की कीमतों को किफायती बनाने में भी मदद मिलेगी। चूंकि रेती की नीलामी बंद रहेगी, इसलिए डिपो से ही 600 रुपये में रेत उपलब्ध होगी। इस नीति के अनुसार मालिकाना हक की राशि माफ कर दी जाएगी। इसके अलावा जिला खनिज फाउंडेशन कोष और परिवहन अनुज्ञप्ति सेवा शुल्क आदि खर्चे भी वसूले जाएंगे। बालू खनन, खनन उपरांत बालू का डिपो तक परिवहन, डिपो के निर्माण एवं प्रबंधन हेतु निविदा प्रक्रिया संचालित की जायेगी। इससे बालू की खुदाई की जाएगी। इस रेत को सरकारी डिपो में ले जाकर वहीं से बेचा जाएगा। राजस्व मंत्री ने इसे लागू करने के निर्देश दिए। तहसीलदार की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति नदी के तल में रेत समूह की निगरानी करेगी।जिले में प्रत्येक तालुका के लिए उप-मंडल अधिकारी की अध्यक्षता में तालुका स्तरीय रेत नियंत्रण समिति का गठन किया जाएगा। समिति रेत समूह का निर्धारण करेगी और उस समूह के लिए ऑनलाइन ई-टेंडरिंग प्रक्रिया की घोषणा करने के लिए जिला स्तरीय समिति को अनुशंसा करेगी। जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की अध्यक्षता कलेक्टर करेंगे तथा समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, पुलिस अधीक्षक अथवा पुलिस आयुक्त, अपर कलेक्टर, अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग एवं जल संसाधन विभाग के साथ-साथ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, भूविज्ञान शामिल होंगे। एवं खनन विभाग, भूजल सर्वेक्षण एवं महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी होंगे। यह समिति रेत डिपो में रेत का स्टॉक उपलब्ध कराने के लिए रेत समूह का निर्धारण करेगी। यह यह भी सुनिश्चित करेगा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन किया जाए। विकास कार्यों के लिए रेत उपलब्ध कराने के अलावा आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति को रोकने के लिए रेत का खनन किया जाता है। प्रदेश में रेत नीलामी प्रक्रिया को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के साथ ही अनियमितताओं पर भी अंकुश लगाया जायेगा.
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Tue, Apr 25 , 2023, 09:03 AM