केंद्र और राज्य सरकार पर शरद पवार का चौतरफा हमला 

Fri, Apr 21 , 2023, 08:38 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

देश की मौजूदा स्थिति चिंताजनक - पवार 
मनपा सहित अन्य चुनाव की तैयारी में लग जाने का निर्देश 
मुंबई।
राकांपा प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि पिछले कुछ सालो से देश में घट रही घटनाएं भविष्य के लिए ठीक नहीं है. घटनाओं पर पर्दा डालने का काम किया जा रहा है. देश की जनता के सामने सच्चाई सामने नहीं आ रही है. शुक्रवार को घाटकोपर में मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्याध्यक्ष राखी जाधव (Rakhi Jadhav) की  तरफ से कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन शिविर (guidance camp)  का आयोजन किया गया था. जिसमे पवार कार्यकर्ताओ को संबोधित कर रहे थे. केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए शरद पवार ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (satyapal malik) के पुलवामा (Pulwama) वाले मुद्दे को दोहराते हुए कहा कि पुलवामा हमले  की सच्चाई मलिक ने देश के सामने रखा.लेकिन उनके सवाल पर केंद्र सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है. आतंकवादियों ने सैनिकों पर हमला किया। सेना की सुरक्षा के लिए  विमान मांगा गया था लेकिन यह उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके कारण देश के 40 जवान शहीद हो गए. इससे बढ़कर और क्या खतरा चाहिए कि इस घटना का असली स्वरूप लोगों के सामने न आ जाए?इसलिए पूर्व राज्यपाल को चुप रहने के लिए बोला गया.पवार ने  खारघर में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार कार्यक्रम  जनता की हुई  मृत्यु के अलावा कई मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरा और घटना का जिम्मेदार राज्य सरकार को बताया। उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार  कार्यक्रम  की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। जब केंद्र सरकार ने मुझे पद्म विभूषण से सम्मानित किया, तब मेरे परिवार और अन्य साथियों सहित दस लोग मौजूद थे। इसका मुख्य कारण यह है कि कार्यक्रम सरकारी था। राकांपा प्रमुख ने कहा कि कार्यक्रम में  हुए हादसे में मरने वाले की  सही संख्या तो सामने नहीं आई है, लेकिन लोगों की मौत हुई है। राज्य सरकार ने उचित सावधानी नहीं बरती। इतना बड़ा आयोजन भीषण गर्मी के बावजूद लू लगने की आशंका के बावजूद खुले में किया गया.इसका मतलब यह है  कि कार्यक्रम में सिर्फ भीड़ जुटाने और   आगामी चुनाव को देखते हुए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.ऐसी लापरवाही की कीमत चुकानी पड़ेगी। पवार ने कहा कि घटना की जांच की मांग के बाद सरकार ने एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है लेकिन  जांच के लिए नियुक्त अधिकारी भले ही एक साफ-सुथरा और ईमानदार अधिकारी क्यों न हो, सरकारी अधिकारी ही होता है। तो सही स्थिति कभी सामने नहीं आएगी।  उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच और सच्चाई सामने आए इसके लिए  हाईकोर्ट के जज से मामले की जांच करानी चाहिए।

गुजरात दंगे में दोषियों को किया गया बरी से पवार ने उठाया सवाल 
शरद पवार ने कहा कि  गुजरात में के नरोदा दंगों (naroda riots) में मारे गए अल्पसंख्यकों पर अन्याय हुआ है.दंगों के संबंध में हाईकोर्ट ने गुरुवार को  सभी को बरी कर दिया गया. अगर किसी ने हमला नहीं किया तो हत्या कैसे हुई? यह मेरा सवाल है.इस देश में कानून  का राज है। जो संविधान से चलता है.गुजरात दंगों को लेकर आए फैसले ने संविधान की ह्त्या कर दी है.

महंगाई और बेरोजगारी चरम पर 
शरद पवार ने कहा कि देश में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है जिसे लेकर आम जनता परेशान है वही वहीं दूसरी ओर भारी बारिश, ओलावृष्टि से प्रदेश का अन्नदाता तबाह हो रहा है. उन्हें इस संकट से निकालने के लिए घोषणाओं के अलावा कोई मदद नहीं मिल रही  है।

एजेंसियों का हो रहा है दुरुपयोग 
पवार ने आरोप लगाया कि साल 2014 के बाद देश में सत्ता का दुरुपयोग  बढ़ा है। ईडी, सीबीआई (CBI) जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल कर विपक्षी पार्टी को किस तरह हताश किया जा सकता है, इसे लेकर देश में एहतियात बरती जा रही है. इसका मतलब यह है कि लोकतंत्र में कोई न कोई सामने आ रहा है और यह हमारी राय है की उसे दबाने का काम हो रहा है. शरद पवार ने कहा कि अनिल देशमुख ने इसका अनुभव किया है। इसी तरह नवाब मलिक कितने दिन जेल में है । हर सप्ताह  सुनवाई की तारीख बदल रही है। जनप्रतिनिधि को आधा साल जेल में रखा जाता है। नवाब मलिक  को इतने दिनों तक जेल में सिर्फ इसलिए रखा गया है क्योंकि वह व्यक्ति एक राजनीतिक दल का प्रवक्ता है और प्रभावी ढंग से सत्ताधारी दल का झूठ फैला रहा है। शिवसेना सांसद संजय राउत के खिलाफ मामला कुछ महीनों तक जेल में रखा गया जबकि इसका कोई मतलब नहीं निकला। इसी तरह वरिष्ठ नेता एकनाथराव खडसे के दामाद को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे तमाम उदाहरण एक बात बताते हैं कि शासक अपनी शक्ति का दुरुपयोग करेंगे और उनके खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। यह स्टैंड ले रहा है कि उनके कहे अनुसार राज्य और देश चले।इसके अलावा जातिवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए यह संघर्ष का समय है। हमें जागते रहना होगा और इन सभी प्रवृत्तियों के खिलाफ लड़ना होगा।पवार ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आगामी मनपा सहित अन्य चुनाव को देखते हुए तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया। इसके अलावा कहा की  हम इस संदेश को इस शिविर के माध्यम से घर-घर पहुंचाना चाहते हैं। हम जो काम कर रहे हैं, उसमें गहराई तक जाने की जरूरत है। बूथ कमेटी को मजबूत करने की जरूरत है। प्रत्येक बूथ पर कार्यकर्ता बनाकर लोगों से संपर्क बढ़ाया जाए।इस मार्गदर्शन शिविर में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल,प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिलसहित बड़ी संख्या में राकांपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे.

मार्गदर्शन शिविर में अजित पवार रहे अनुपस्थित 
राज्य में पिछले कुछ दिनों से सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चल रही राजनीति में भले ही अजित पवार (Ajit Pawar) के बयान के बाद उनके भाजपा में जाने की चर्चा पर विराम लग गया है लेकिन शुक्रवार को मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित कार्यकर्ता मार्गदर्शन शिविर में उनकी अनुपस्थिति से यह चर्चा है कि अजित पवार पार्टी और पार्टी के हाईकमान से अभी भी नाराज है.सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली है. मार्गदर्शन शिविर में पार्टी के अध्यक्ष से लेकर सभी वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों के निमंत्रण भेजा गया था लेकिन विपक्ष नेता अजित पवार को निमंत्रण नहीं भेजा गया था सूत्रों का ऐसा कहना है. हाल ही में उनके भाजपा में जाने की चल रही चर्चा से अभी अजित पवार की नाराजगी कम नहीं हुई थी की पार्टी ने  मार्गशन शिविर में निमंत्रण न देकर उन्हें और  नाराज कर दिया है.

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