दोनों के बीच दो घंटे तक हुई चर्चा
मुंबई। अडानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg affair) की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्षी दलों की मांग के बीच गुरुवार को उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) ने राकांपा प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के दक्षिण मुंबई स्थित घर सिल्वर ओक पर जाकर उनसे मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच तकरीबन दो घंटे तक बातचीत हुई। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। दो हफ्ते पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी को लेकर कहा था कि उन्हें अज्ञात लोगों की तरफ से टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने विपक्षी दलों की जेपीसी गठन की मांग से भी किनारा कर लिया था।
शरद पवार और गौतम अडानी के बीच क्या बातचीत हुई, इसका ब्यौरा सामने नहीं आ सका। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों की मुलाकात अकेले कमरे में हुई और इस दौरान उनके साथ कोई मौजूद नहीं था। इससे पहले शरद पवार ने अडानी-हिंडनबर्ग पर एक बड़ा बयान देकर विपक्षी खेमें में खलबली मचा दी थी। शरद पवार ने कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, साथ ही क्योंकि जेपीसी में संख्या बल के हिसाब से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दबदबा होगा, जिसके चलते जांच को लेकर संदेह पैदा होगा। हालांकि बाद में पवार ने कहा था कि विपक्षी एकता की खातिर उनकी पार्टी जेपीसी गठन का विरोध नहीं करेगी। उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने शेयर बाजारों के लिए विभिन्न नियामक पहलुओं की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया था। समिति हिंडनबर्ग रिसर्च के धोखाधड़ी के आरोपों के बाद, अडानी समूह के शेयरों में आई हालिया गिरावट की जांच करेगी।
अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के ऊपर स्टॉक में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप की शेयरों की कीमत और मार्केट कैपिटलाइजेशन में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि अब बाजार में कंपनी की स्थिति स्थिर है। बता दें कि संसद का बजट सत्र अडानी मुद्दे की वजह से भेंट चढ़ गया। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस इस मुद्दे पर हमलावर नजर आ रही है। राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया है कि उनकी संसद सदस्यता इसलिए गई है, क्योंकि वह सरकार से लगातार अडानी मुद्दे पर सवाल कर रहे थे।
सांसद ने मांगा जांच का ब्यौरा
इधर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सेबी को पत्र लिखकर अडानी समूह की समूह की कुछ कंपनियों के खिलाफ जांच का ब्योरा मांगा है। चतुर्वेदी की ओर से 18 अप्रैल को लिखा गया पत्र गुरुवार को ट्विटर पर पोस्ट किया गया। उन्होंने कहा कि सेबी ने 2021 में अडाणी समूह की कुछ कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। हालांकि, सेबी ने न तो कोई क्लोजर रिपोर्ट दायर की है और न ही देरी का कोई कारण बताया है। चतुर्वेदी ने पत्र में कहा कि जांच का विवरण और जांच पूरी होने में देरी के कारणों से आम जनता को अवगत कराया जाना चाहिए।
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Thu, Apr 20 , 2023, 08:02 AM