सिंगल हैं तो भी बन सकती हैं मम्मी

Thu, Apr 13 , 2023, 09:39 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

हाईकोर्ट के एक फैसले ने सरल कर दिया बच्चा गोद लेने का तरीका
मुंबई।
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अकेले कामकाजी माता-पिता या तलाकशुदा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत बच्चा गोद ले (adopt) सकते हैं। दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने भूसावाल जिला अदालत के फैसले को बदलते हुए ये बात कही है। भूसावाल कोर्ट ने एक महिला द्वारा अपनी बहन के बच्चे को गोद लेने से इस आधार पर मना कर दिया कि वो सिंगल वर्किंग वूमन है और इस कारण वो बच्चे पर व्यक्तिगत रुप से ध्यान नहीं दे पाएगी, जिसके बाद महिला ने इस मामले में जिला अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।
मामले पर सुनवाई के समय जस्टिस गौरी गोडसे ने कहा कि एक तलाकशुदा या सिंगल माता-पिता किशोर जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम, 2015 के तहत बच्चा गोद लेने के लिए बिल्कुल योग्य है,उन्होंने कहा कि जिला अदालत का काम सिर्फ यह पता लगाना है कि बच्चा गोद लेने के लिए क्या सभी आवश्यक मानदंड पूरे किए गए हैं।
सिंगल माता-पिता काम करते हैं इसलिए उन्हे बच्चा गोद लेने से नहीं रोका जा सकता
अदालत ने कहा कि सिंगल माता-पिता (single parent) काम करने के लिए बाध्य होते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उन्हे इस आधार पर दत्तक माता-पिता होने के लिए अपात्र ठहराया जाए. इसी के ही साथ कोर्ट ने कामकाजी महिला और गृहिणी के बीच तुलना पर भई कड़ी आपत्ति जताई है. जस्टिस ने कहा कि निचली अदालत के द्वारा जैविक मां के गृहिणी होने और संभावित मां के कामकाजी महिला होने के बीच की गई तुलना मध्यकालीन रूढ़िवादी की मानसिकता को दिखाता है।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups