आरबीआई का वित्तीय संस्थानों को निर्देश! इन बैंकों से अब 20,000 रुपये से अधिक नकद ऋण नहीं मिलेगा

Thu, May 09, 2024, 04:21

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को ऋण वितरण के लिए सख्त दिशानिर्देश (strict guidelines) जारी किए हैं। आरबीआई द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक, अब किसी भी एनबीएफसी कंपनियों के ग्राहकों को 20,000 रुपये से ज्यादा का नकद लोन नहीं मिलेगा। आयकर अधिनियम(Income Tax Act), 1961 के नियम 269 एसएस के तहत अब किसी भी ग्राहक को 20 हजार रुपये से अधिक नकद राशि ऋण के रूप में नहीं मिलेगी, अब ग्राहकों को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।

एनबीएफसी (Non Banking Financial Company) कंपनियों को खतरा नहीं होना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई अब इस नियम को सख्त करना चाहता है ताकि उन्हें जोखिम का सामना न करना पड़े और नियमों की अनदेखी न करनी पड़े। एनबीएफसी कंपनी आईआईएफएल फाइनेंस पर कई नियमों के उल्लंघन का आरोप लगने के बीच आरबीआई ने ये निर्देश जारी किए हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कुछ कंपनियों ने कानूनी सीमा से अधिक नकदी उधार ली और एकत्र की।

आरबीआई ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को 20,000 रुपये से अधिक का कर्ज नकद में नहीं देने के लिए पत्र लिखा है और कहा है कि नियमों के मुताबिक किसी भी ग्राहक को 20,000 रुपये से अधिक नकद नहीं दिया जा सकता है। अब ऐसे में किसी भी एनबीएफसी कंपनी को 20,000 रुपये से ज्यादा कैश लोन नहीं देने का निर्देश दिया गया है। 

सटीक निर्देश क्या हैं?
पिछले कुछ दिनों में रिजर्व बैंक ने कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर कार्रवाई की है। इन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने आरबीआई के नियमों की अनदेखी करते हुए अप्रत्याशित ऋण बांटे थे। इसलिए नकद में उधार देने के नियम का भी उल्लंघन हुआ। ऐसे में आरबीआई ने एनबीएफसी कंपनियों को निर्देश जारी कर नियमों की याद दिलाई है ताकि वे नकद कर्ज बांटने के नियम और शर्तों का पालन कर सकें।

गोल्ड लोन का आवंटन रोकने का आदेश
आरबीआई ने ऋण प्रबंधन में बड़ी खामियों के कारण आईआईएफएल (इंडिया इंफोलाइन फाइनेंस लिमिटेड) फाइनेंस को नए ग्राहकों के लिए अपने गोल्ड लोन वितरण लेनदेन को तुरंत रोकने का आदेश दिया है। आईआईएफएल फाइनेंस के कारोबार का एक बड़ा हिस्सा गोल्ड लोन परिचालन है, इसके कुल राजस्व में गोल्ड लोन परिचालन का योगदान एक तिहाई है। फाइनेंस कंपनी ने कंपनी पर सोने की शुद्धता और वजन की अपर्याप्त जांच, नकदी में अधिक उधार देने, मानक नीलामी प्रक्रियाओं का अनुपालन न करने और ग्राहक खाता शुल्क में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है।

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